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छोटे पसरा व्यापारियों से वार्षिक 30 हजार रुपयों का कर निधार्रण शासन का तुगलकी फरमान..नीरज

रिपोर्टर कुंज कुमार रात्रे महासमुन्द पसरा ,गुमटी व फुटपाथ व छोटे व्यापारियों से ट्रेड लाइसेंस को अनिवार्य करने का आदेश राज्य सरकार का तुगलकी फरमान है जबकि 99 प्रतिशत व्यापारियों के पास पूर्व से ही गुमास्ता लाइसेस के आधार पर व्यापार कर रहे है फिर भी शासन उन्हें ट्रेड लाइसेंस बनाकर व्यापार करने को कहा है जो शासन के तुगलकी व हिटलर शाही आदेश है उक्त बातें प्रेस विज्ञप्ति में रायपुर शहर जिला कांग्रेस के मीडिया सेल सदस्य नीरज परोहा ने कही l

मीडिया सेल सदस्य नीरज ने कहा कि भाजपा सरकार ने अपने तुगलकी फरमान के तहत ट्रेड लाइसेंस बनाने के लिए…पसरा छोटे व गुमटी व्यवसायियों के लिए …नगर निगम क्षेत्र में…30 हजार…पालिका क्षेत्र में..20 हजार…पंचायत क्षेत्र में…10 हजार रुपये प्रति वर्ष .. व 2 वर्ष पश्चात 5 प्रतिशत फीस शुल्क में वृद्धि जो शासन का छोटे व्यापारियों से सीधे सीधे लूट को दर्शाता है l

उक्त आदेश में जुर्माने का भी अलग प्रावधान है इससे छोटे व्यापारी काफी प्रभावित होने के साथ भटकने पर मजबूर होंगे l

शहर जिला मीडिया सेल सदस्य ने आगे कहा कि …पूर्व के कांग्रेस शासन काल मे गुमास्ता लाइसेंस की वैधता को 5 वर्ष किया था जिससे भाजपा ने सत्ता प्राप्ति के बाद ही खत्म कर दिया व गुमास्ता धारक व्यापारियों को ट्रेड लाइसेंस बनाने पर दबाव डाला जा रहा है जो शासन के हिटलर शाही नीतियों का साक्ष्य है l गुमास्ता धारक व्यापारियों को शासन निशुल्क ट्रेड लाइसेंस बना कर दे व उसमे लगे लाइसेंस शुल्क निर्माण को भी हटाए जिस आर्थिक मंदी के दौर से व्यापार गुजर रहा है उसमें सबसे प्रभावित व्यापारी ही है lसमय अवधि मे ट्रेड लाइसेंस ना बनने से व्यापारी संकट में आ जाएंगे जिसके चलते उनका व्यवसाय भी प्रभावित होगा l

शहर जिला मीडिया सेल सदस्य ने आगे कहा कि ..पहले ही राज्य सरकार प्रदेश के लोगो को रोजगार देने में असफल है अब…अपने तुगलकी आदेश से रोजगार भी छीन रही है lजिन व्यापारियों के पास गुमास्ता लाइसेंस है उनको ट्रेड लाइसेंस की अनिवार्यता से बाहर किया जाए..l

 

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