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राज्य स्तरीय जूनियर तीरंदाजी चैंपियनशिप बागबाहरा में 16 अक्टूबर को होगा आयोजित।

रिपोर्टर कुंज कुमार रात्रे महासमुंद – राज्य स्तरीय जूनियर तीरंदाजी चैंपियनशिप का आयोजन छत्तीसगढ़ प्रदेश आर्चरी एसोसिएशन के मार्गदर्शन तथा खेल एवं युवा कल्याण विभाग के सहयोग से जिला तीरंदाजी संघ, बागबाहरा महासमुंद द्वारा दिनांक 16 अक्टूबर 2025 को मिनी स्टेडियम बागबाहरा में आयोजित किया जाना है।

राज्य स्तरीय जूनियर तीरंदाजी चैंपियनशिप की मेजबानी इस वर्ष पुनः जिला तीरंदाजी संघ महासमुंद को मिली है जिसके लिए जिला संघ के समस्त सदस्यों की विशेष बैठक खेल अधिकारी मनोज धृतलहरे की अध्यक्षता में बॉल आश्रम बिहाझर बागबाहरा में संपन्न हुई बैठक में जिले के खेल अधिकारी, खेल एवं युवा कल्याण मनोज धृतलहरे, जिला तीरंदाजी संघ महासमुंद अध्यक्ष डॉ. विकास अग्रवाल, सचिव एवन कुमार साहू, अरविंद छाबड़ा, पुनेंद्र चंद्राकर, सोमनाथ साहू, रिंकल बग्गा, मुकेश वेगड़, संजय पटेल एवं अन्य सदस्यगण उपस्थित रहे। प्रतियोगिता आयोजन सम्बन्धी चर्चा में खेल मैदान, खेल उपकरणों की उपलब्धता, जिलों के खिलाड़ियों एवं प्रशिक्षकों, मैनेजर हेतु आवास ,भोजन, आवागमन की सुविधा, प्राथमिक चिकित्सा, सुरक्षा एवं शांति व्यवस्था आदि विषयों पर चर्चा की गई एवं आवश्यक निर्णय लिए गए। बैठक उपरांत आयोजन स्थल मिनी स्टेडियम बागबाहरा, टाऊन हॉल व आवास भवन आदि हेतु प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण संघ के पदाधिकारियों द्वारा किया गया।

प्रदेश आर्चरी एसोसिएशन से कैलाश मुरारका के निर्देशानुसार सभी व्यवस्थाएं राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के मापदंड के अनुसार रखे जाने हेतु विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इस हेतु प्रदेश भर के प्रशिक्षक एवं ऑफिशियल्स से संपर्क किया गया।

राज्य स्तरीय चैंपियनशिप में तीरंदाजी के तीनों विधाओं इंडियन राउंड, रिकर्व एवं कंपाउंड राउंड को शामिल किया गया है, जिसमें प्रदेश भर के जूनियर बालक एवं बालिका तीरंदाज शामिल होंगे।तीरंदाजी चैंपियनशिप बागबाहरा को लेकर नगर में काफी उत्साह देखा जा रहा हैं। विदित हो कि विगत वर्ष आयोजित राज्य स्तरीय तीरंदाजी चैंपियनशिप की सफलता को लेकर शहर के नागरिक काफी उत्साहित होकर आगामी वर्ष में होने वाले आयोजन को लेकर अपना उत्साह दिखाया था। इस चैंपियनशिप से क्षेत्र के नागरिकों को तीरंदाजी खेल की जानकारी, जिले के खिलाड़ियों को बेहतर प्रदर्शन करने का अवसर, खेल की बारीकियों व कौशल में सुधार, खेल तकनीकी ज्ञान, निर्णायक क्षमता का विकास होगा।

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