शासकीय उच्च प्राथमिक शाला चिंगरौद में आज बैगलेस डे के अवसर पर स्कूली छात्राओं के द्वारा राखी सजाओ प्रतियोगिता
कुंजूरात्रे महासमुंदा सकीय उच्च प्राथमिक शाला चिंगरौद में आज बैगलेस डे के अवसर पर स्कूली छात्राओं के द्वारा राखी सजाओ प्रतियोगिता का आयोजन कर शिक्षकों एवम् स्कूल के छात्रों अर्थात अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र का पवित्र बंधन बांधकर अपनी रक्षा का वचन लिया।
उक्त कार्यक्रम के अवसर पर शाला विकास समिति के संरक्षक सुखदेव मालेकर ने बच्चों से कहा किवदंती है कि प्राचीन काल में महाभारत के समय भगवान कृष्ण के हाथ किसी धारदार हथियार से कट गया और खून की धारा बहने लगी तब द्रौपदी ने उनके हाथों पर अपने आंचल अर्थात् पल्लू को फाड़ कर पट्टी बांधा था ठीक उसी समय जब पांडवों ने जुए में अपनी पत्नी द्रोपती को हार गए तब कौरवों के द्वारा भरी दरबार में द्रोपती का चीर हरण दुर्योधन ने किया तो श्री कृष्ण ने भाई बनकर द्रोपती की रक्षा की थी। तब से यह परंपरा रक्षाबंधन के रूप में मनाया जाता है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रभारी प्रधान पाठक गणेश राम चंद्राकर ने बच्चों से कहा कि यह भाई और बहनों के प्रति एक अटूट प्यार को प्रदर्शित करने वाला पर्व है जिसे हम आज स्कूल स्तर पर शिक्षक योगेश मधुकर के अमूमन प्रयासों एवम् उनके मार्गदर्शन के बदौलत यह कार्यक्रम संपन्न हुआ है। उन्होंने सभी छात्र-छात्राओं को प्रत्येक वर्ष स्कूल स्तर पर ऐसा आयोजन करने की सलाह दी जिससे स्कूली छात्र-छात्राओं में एक दूसरे के प्रति प्रेम, विश्वास और भाईचारे की भावना विकसित हो सके।
उद्बोधन की इसी कड़ी में शिक्षक योगेश कुमार मधुकर ने सभी बच्चों को बधाई देते हुए कहा कि आज स्कूल में राखी सजाओ प्रतियोगिता का आयोजन हमारे संकुल लाफिंन खुर्द में पहली बार हुआ है सभी छात्राएं अपने हाथों से राखी बनाकर एवम् थाल सजाकर लाई थी और तीनों ही कक्षाओं के भाइयों की कलाइयों पर रक्षा सूत्र का पवित्र बंधन बांधकर भाई बहन के अटूट रिश्ते को प्रगाढ़ किया। उन्होंने कहा कि बच्चों के बीच इस प्रकार की गतिविधि करने से उनमें सृजनात्मक क्षमता के साथ साथ मानसिक, बौद्धिक एवं क्रियात्मक क्षमताओं का विकास होता है। बैकलेस डे का तात्पर्य होता है बिना बस्ता रहित शिक्षण लेकिन इसका आशय यह नहीं की इस दिवस बच्चों की पढ़ाई नहीं होती। बच्चों के द्वारा उस दिन स्वयं रचनात्मक ढंग से कार्य करने से उनमें ज्ञान और बुद्धि का समग्र विकास होता है जिससे बच्चे की कार्य कुशलता में वृद्धि होने के साथ वह गुणवान बनते हैं। राखी सजाओ प्रतियोगिता में कक्षा आठवीं से मेघना को प्रथम स्थान, कक्षा सातवीं से डॉली साहू द्वितीय एवं कक्षा आठवीं से गरिमा साहू तृतीय स्थान पर रही। सभी प्रतिभागियों को शाला के शिक्षकों द्वारा पुरस्कृत किया गया एवं सभी भाइयों ने अपने बहनों के द्वारा रक्षा सूत्र बांधने पर उनको उपहार प्रदान किया।
इस अवसर पर संस्था के शिक्षक पोखनलाल चंद्राकर, डीगेश कुमार ध्रुव एवं समस्त छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन योगेश कुमार मधुकर ने किया तथा आभार प्रदर्शन पोखनलाल चंद्राकर ने किया।