रिपोर्टर कुंज कुमार रात्रे
जिला महासमुन्द | 28 अगस्त 2025एन एच एम कर्मचारियों ने तख्तियों, बैनरों और “मोदी की गारंटी” के नारों के साथ सुवा नाच, पंथी नाच, गरबा नाच, राउत नाच आदि के माध्यम से आम जनता के बीच मांगों लेकर प्रदर्शन किया गया.
मोदी की गारंटी खोजने निकले एनएचएम कर्मचारी
सरकार का ध्यान आकर्षित करने विभिन्न गतिविधियाँ जारी
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के कर्मचारी नियमितीकरण, ग्रेड पे सहित अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर अलग-अलग गतिविधियों के माध्यम से सरकार का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास कर रहे हैं
आज धरना स्थल लोहिया चौक, महासमुन्द से कर्मचारियों ने तख्तियों, बैनरों और “मोदी की गारंटी” के नारों के साथ सुवा नाच, पंथी नाच, गरबा नाच, राउत नाच आदि के माध्यम से आम जनता के बीच लोहिया चौक में मांगों से अवग तकराया। महिला कर्मचारियों ने भी तीजा, गणेश चतुर्थी व्रत रखके पर्व के अवसर पर परंपरागत रीति-रिवाज निभाते हुए धरना स्थल पर डटे रहकर आंदोलन का समर्थन किया।
एन एच एम संविदा कर्मी 10 सूत्रीय मांगो को लेकर रंगोली के माध्यम से शासन प्रशासन को ध्यान केंद्रित किया गया.
उधर, कर्मचारियों के अनिश्चितकालीन आंदोलन में चले जाने से उप स्वास्थ्य केंद्र, आयुष्मान आरोग्य मंदिर, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेजों में स्वास्थ्य सेवाएँ पूरी तरह चरमरा गई हैं, जिससे आम जनता को आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएँ समय पर नहीं मिल पा रही हैं।
कर्मचारियों का कहना है कि स्वास्थ्य सेवाएँ ठप होने के लिए वे नहीं, बल्कि शासन का अड़ियल रवैया जिम्मेदार है। कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष राम गोपाल खूंटे. एवं कर्मचारियों ने स्पष्ट किया कि नियमितीकरण, ग्रेड पे और लंबित 27% वेतन वृद्धि सहित सभी मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा।
पूर्व में 20 वर्ष पहले सरपंच अगर न्युक्ति करता था वह शिक्षक, सचिव रेगुलर हुये है. उसके बाद शिक्षा कर्मी भी संविदा से सविलियन हुये. उसके बाद वर्तमान बी एड शिक्षक 2700 की संख्या में प्रयोगशाला शिक्षक में सविलियन किये है. तदर्थ चिकित्सा अधिकारी को 15 साल के बाद नियमितीकरण, सविलियन किये है, हम सभी एन एच एम कर्मी भी 20 वर्षो से स्वास्थ्य सेवाएं दे रहें है उनको सरकार अगर चाहे तो रेगुलर, सविलियन कर सकती. इसके लिए केंद्र सरकार से किसी भी प्रकार से बजट या ज्ञान की आवश्यकता नही है बस सरकार की इक्षा शक्ति होनी चाहिए.
एनएचएम संविदा कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि शासन जल्द ही उनकी मांगों पर लिखित निर्णय नहीं लेता, तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा।
आज कर्मचारियों ने चार समूहों में विभाजित होकर, प्रधानमंत्री के घोषणा पत्र में उल्लिखित 100 दिनों में नियमितीकरण के वादे को जनता के बीच प्रस्तुत किया और बड़े नेताओं के मंचों से दिए गए वक्तव्यों को सबूत के रूप में साझा कर शासन का ध्यान आकृष्ट करने का प्रयास किया।
धरना प्रदर्शन में बड़ी संख्या में अधिकारी-कर्मचारी “मोदी की गारंटी” खोजने निकले।
