कुंज कुमार रात्रे वरिष्ठता पत्रकार मां के नाम पर लगाये गये कितने प्रतिशत पौधे जिंदा है, जिले में-शिवसेना जिलाध्यक्ष
पौधारोपण तो हर साल होता है लेकिन कितने प्रतिशत पौधे दूसरे साल तक जिंदा रहते है यह सरकार को बताना चाहिए ।
बरसात आने वाली है एक बार फिर से महासमुंद सहित राज्य को हरा भरा बनाने के लिए बड़े पैमाने पर पौधारोपण किया जाएगा, सवाल यह कि पिछले वर्ष माँ के नाम पर लगाए गए पौधों की जिले में क्या हालत है प्रशासन को यह सार्वजनिक करना चाहिये कि लगाये गये पौधों में कितने जिंदा है और कितने मर गए?
छत्तीसगढ़ सहित महासमुंद को हरा भरा बनाने के लिए बरसात में बड़े पैमाने पर पौधारोपण किया जाता रहा है, इसके बाद भी महासमुंद शहर व पूरा जिला हरा भरा नही हो पाया है, पिछले वर्ष भाजपा सरकार में माँ के नाम पर पौधारोपण की योजना शुरू की जिससे यह उम्मीद जागी कि पौधारोपण की योजना कामयाब होगी,इसलिये जरुरी है कि पारदर्शि भाजपा सरकार को महासमुंद जिले में माँ के नाम पर लगाये गये पौधों की क्या हालत है यह जनता को बताना चाहिये कि पूर्व की सरकारों की तरह ही माँ के नाम पर लगायें गये पौधारोपण का हाल नही हुआ है, इस बार कितने प्रतिशत लगाये गये पौधे जिंदा है। पौधारोपण की असफलता को देखकर आम जनता के मन मे यह भावना बन गया है कि पौधारोपण की योजना सिर्फ पैसा बनाने की योजना बन गई है, नई सरकार को आम जनता की यह भावना को बदलने के लिए जरूरी है कि माँ के नाम पर लगाये गये पौधों की सफलता के बारे मे बताने के बाद ही इस बरसात पौधारोपण की शुरुआत करे, ताकि महासमुंद जिले की जनता को यह एहसास हो सके कि सत्ता बदलने के बाद जमीनी हालात में भी बदलाव आया है।