कुंज कुमार रात्रे वरिष्ठता पत्रकार
महासमुंद – सतनामी समाज खट्टी परिक्षेत्र की वार्षिक आमसभा एवं पदाधिकारियों की पुनर्गठन बैठक के साथ ही गुरु घासीदास बाबा जी के जयंती की शुरुआत करने वाले समाज के पुरोधा मंत्री नकुल देव ढीढी जी की 111 वीं जयंती मनाई गई। सबसे पहले परिक्षेत्र अध्यक्ष कृष्ण कुमार नारंग, सचिव देवकुमार जोशी व कोषाध्यक्ष खोमन मारकंडेय ने पांच वर्ष की प्रतिवेदन व आय व्यय प्रस्तुत किया। तत्पश्चात कार्यकाल पूर्ण होने पर नये पदाधिकारियों की चुनाव हेतु प्रस्ताव रखा गया।जिस पर चुनाव अधिकारी चिंता साय, गणेश टंडन ने लोगों की राय अनुसार पदाधिकारियों का पुनर्गठन किया
अध्यक्ष कृष्ण कुमार नारंग कामरौद, 4 उपाध्यक्ष पद के लिए भूषण टण्डन जोगिडिपा, कुलिन्दर ढ़ीढ़ी पचेड़ा, महेश जांगड़े मुरकी, श्रीमती दुकाला मांडले अमलिडीह,सचिव देव कुमार जोशी खट्टी,सहसचिव मेघनाथ टंडन धनसुली, मीडिया प्रभारी मानिक लाल टंडन पचेड़ा
प्रवक्ता मनोज सेवई मोहन्दी, सेवादार चोलेश्वर मारकंडे तमोरा कार्यकारणी सदस्य में मोहन टंडन लभरा कला , भगवान दास मधुकर बोरियाझर ,सुखेन्द्र बंजारे कामरौद ,भेखराम मारकंडे तमोरा ,परस पात्रे अमलिडीह,घनश्याम जांगड़े खट्टी ,उत्तम सोनवानी मोहन्दी को बनाया गया।
आमसभा एवं जयंती कार्यक्रम की मुख्य अतिथि दाऊ विजय बंजारे ने समाज को संबोधित करते हुए दादा नकुल देव ढीढी जी के सामाजिक सोच विचार को आगे बढ़ाने एवं सपना पुरा करने के लिए प्रगतिशील छत्तीसगढ़ सतनामी समाज दृढ़ संकल्पित है। जिस प्रकार गुरु घासीदास बाबा जी के फोटो सामाजिक भवनों व घरों घर रखा जाता है उसी प्रकार बाबा जी जयंती के शुरूआत करने मंत्री नकुल देव ढीढी जी के फोटो रखने की अपील की। अध्यक्षता कर रहे रेखराज बघेल ने सतनाम नवजागरण अभियान की जानकारी देते हुए अपील कि नशापान से दुर रहकर शिक्षा रोजगार पर आगे बढ़ना होगा साथ ही सतनाम संस्कृति पर अडिग रहना होगा। क्योंकि गुरु घासीदास बाबा जी के विचारो के विरुद्ध हमारे समाज को कमजोर करने, युवा वर्ग को दिशा विहीन करने केज्ञलिए धर्मांतरण व अन्य मूर्ति पुजा कर्मकांड की ओर लें जाने षडयंत्र कर रहे हैं। जिसको रोकने की जिम्मेदारी समाज के हर प्रबुद्ध जनों का है।सभा को चिंता साय, गणेश टंडन, श्रीमती संतोषी व्यवहार, आनन्द व्यवहार,ऐन कुमार रात्रे, जितेन्द्र टंडन ,फनेन्द्र बंजारे ने भी संबोधित किया।
बैठक में खट्टी, मोहंदी, कमरौद, पचेड़ा,जोगीडीप,अमलीडीह,लभरा, धनसुली,मुरकी,मोंगरा, कोसरंगी, केशव, बोरियाझर,तमोरा के समाजजन शामिल हुए।
