प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय इस वर्ष संपादक कुंज कुमार रात्रे
महासमुंद महाशिवरात्रि पर्व को 89वी त्रिमूर्ति शिवजयती के रूप में मना रहा है,जिस शिव की भक्ति पूजा पाठ सुख शांति की प्राप्ति के लिए सारी दुनिया करती है और उनके इस धरा पर आने के कयास लगाए बैठें हैं वास्तविक में सर्व धर्म मान्य सर्व आत्माओं के परमपिता वह निराकार परमपिता परमात्मा शिव को अवतरित हुए 89 वर्ष हो चुके हैं वह निराकार पिता परमधाम से भारत भूमि के आबू पर्वत पर अवतरित हो कर साधारण मानवीय तन का आधार लेकर इस पुरानी कलयुगी सृष्टि का महाविनाश और नई सतयुगी दुनिया की स्थापना का कार्य कर रहे हैं,यह खुशखबरी ईश्वरीय संदेश विश्व के सातों महाद्विपो में समाज के हर वर्ग को दिया जा रहा है, आज़ के दिन को ब्रम्हकुमारी परिवार शिव पिता के अलौकिक जन्मदिन( शिव जयंती)के रूप में बड़े हर्ष उल्लास के साथ मनाता है, अज्ञान नींद में सोया हुआ मानव को जगाने के लिए लोहिया चौक में तीन दिवसीय विशाल 12 फिट लम्बे कुम्भकरण की झांकी सजाई गई है जोकि अज्ञानता का प्रतीक बताया गया है ताकि आज का समाज वर्तमान नाजुक समय को जाने परखे और राजयोग की शिक्षा ग्रहण कर आने वाले नवयुग में चलने एक सकारात्मक कदम उठाए, सेवाकेंद्र उपकार भवन में सेवाकेंद्र संचालिका ब्रम्हा कुमारी प्रीति बहन व ब्रम्हा कुमारी बहनों संग पूरा ईश्वरीय परिवार शिव ध्वजारोहण कर प्यारे शिव पिता को भोग स्विकार कराया तत पश्चात केक कटिंग की गई गुब्बारे छोड़े गए खुशियां मनाई गई तत् पश्चात श्वेत वस्त्रधारी ब्रम्हा कुमारी भाई बहने शिवलिंग की झांकी सजाकर हाथो में शिव धवज लेकर नगर भ्रमण किया और जन जन को परमात्म अवतरण का सन्देश दिया , माननीय अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर कुम्भ करण की झांकी प्रारंभ किया लेज़र शो और चित्र प्रदर्शनी के द्वारा श्रधालुओं व भक्तों को इस आध्यात्मिक ज्ञान

