शांतिपूर्ण ढंग से जिला सर्व अनुसूचित जाति समाज ने अपनी मांग एसडीएम के समक्ष रखा।
राशि महिलांग व उसके परिवार तथा अन्य सहयोगियों के विरुद्ध झूठी एफ आई आर व धाराओं को निरस्त करने की मांग समाज ने की है
संपादक कुंज कुमार रात्रे महासमुंद जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन की चाक-चौबंद व्यवस्था के बावजूद तथा पुलिस प्रशासन की संदेहास्पद रवैया व पीड़ित परिवार के विरुद्ध एकतरफा कार्रवाई के खिलाफ जिला सर्व अनुसूचित जाति समाज महासमुंद के द्वारा नगर की प्रथम महिला नागरिक व नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष राशि त्रिभुवन महिलांग के साथ विगत दिवस हुए घटित घटना के आरोपी की गिरफ्तारी व आरोपी की पत्नी के द्वारा झूठी व कूटरचित शिकायत पर दर्ज रिपोर्ट को निरस्त करने हेतु समाज के बहुसंख्यक लोगों के द्वारा शांतिपूर्ण ढंग से एसडीएम महासमुंद को महामहिम राज्यपाल व माननीय मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन के नाम से ज्ञापन सौंपा।
उक्त ज्ञापन में जिला सर्व अनुसूचित जाति समाज ने मांग करते हुए कहा है कि विगत दिनांक 27 नवंबर को नगर पालिका परिषद महासमुंद के कार्यालय भवन में नगर की प्रथम महिला नागरिक व नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती राशि त्रिभुवन महिलांग के साथ आरोपी के द्वारा मारपीट कर उनके मंगलसूत्र को लूटने तथा जान से मारने का प्रयास किया गया। इसके संबंध में उनके द्वारा 6 दिसंबर 2024 को गिरफ्तारी करने हेतु पांच बिंदुओं पर ज्ञापन सौंपा था जिसमें पुलिस प्रशासन के द्वारा एक मांग को ही पूर्ण किया गया तथा शेष चार मांग यथावत है जिसे शीघ्र पूरा किए जाने की मांग समाज द्वारा की गई है।
सर्व समाज के लोगों ने एसडीएम को बताया कि आरोपी व आरोपी की पत्नी के द्वारा घर में घुसकर तोड़फोड़ और मारपीट करने की कूटरचित झूठी शिकायत दर्ज करने पर उल्टे प्रार्थीया श्रीमती राशि महिलांग व उनके पति त्रिभुवन महिलांग तथा पुत्र अंकित महिलांग व विक्की महिलांग जो कि विगत 6 -7 वर्षों से लकवा ग्रस्त होकर बिस्तर पर उपचारार्थ हैं साथ ही उनके दो समर्थकों के खिलाफ जो विभिन्न धाराएं व एफ आई आर लगाई गई हैं उनको तत्काल निरस्त करने की मांग की है। तथा वास्तविकता जानने के लिए थाना परिसर में लगे सीसीटीवी फुटेज से इसकी पुष्टि किए जाने की भी मांग उन्होंने की हैजिला सर्व अनुसूचित जाति समाज ने उक्त ज्ञापन के माध्यम से महामहिम राज्यपाल एवं माननीय मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन के साथ-साथ पुलिस प्रशासन व जिला प्रशासन से मांग करते हुए कहा है कि जिस प्रकार कवर्धा जिले के लोहारडीह की घटना के मामले में पुलिस द्वारा पुनः जांच कर लगभग 40 निर्दोष लोगों की जिस तरह रिहाई की गई है उसी तर्ज पर बलौदाबाजार जिले के जिला कार्यालय परिसर में हुई आहजनी की घटना में जेल में निरुद्ध अनुसूचित जाति समाज के करीब 200 निर्दोष लोगों की पुनः जांच कर उनकी रिहाई को सुनिश्चित किया जाए।जिला सर्व अनुसूचित जाति समाज ने उक्त सभी बिंदुओं पर निष्पक्ष तथ्यों की जांच कर आरोपियो की गिरफ्तारी जल्द से जल्द किए जाने तथा झूठी शिकायत को निरस्त नहीं होने की स्थिति में सर्व अनुसूचित जाति समाज ने शासन एवं प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा है कि आगामी दिनों में उग्र आंदोलन करते हुए जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय का घेराव किया जाएगा जिसकी संपूर्ण जवाबदारी पुलिस प्रशासन की होगी।