डॉ. भीमराव अंबेडकर के संविधान की बदौलत हमारा देश लोकतंत्रात्मक गणराज्य बना – योगेश मधुकर
संपादक कुंज कुमार रात्रे महासमुंद शासकीय उच्च प्राथमिक शाला चिंगरौद में भारतीय संविधान की प्रस्तावना का वाचन एवं शपथ ग्रहण का आयोजन प्रार्थना सभा के दौरान समस्त शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं की उपस्थिति में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ भारतीय संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर के तेल चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। तत्पश्चात बच्चों को संबोधित करते हुए प्रभारी प्रधान पाठक गणेश राम चंद्राकार ने कहा कि भारतीय संविधान की प्रस्तावना एक महत्वपूर्ण भाग है जो संविधान के उद्देश्यों और मूल्यों को परिभाषित करती है। यह प्रस्तावना आस्ट्रेलिया के संविधान से प्रभावित होकर ली गई है और इसमें भारतीय संविधान के मुख्य उद्देश्यों को शामिल किया गया है उद्बोधन की इसी कड़ी में शिक्षक योगेश मधुकर ने भारतीय संविधान के निर्माता बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर का संक्षिप्त जीवन परिचय बताते हुए संविधान की प्रस्तावना में निहित नागरिकों के समस्त मौलिक अधिकारों कर्तव्यों एवं समस्त उद्देश्यों के बारे में बच्चों से कहा कि हम भारत के लोग हैं हम भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्वसंपन्न, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त कराने के लिए तथा उन सब में, व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित कराने वाली, बन्धुता बढ़ाने के लिए, दृढ़ संकल्पित होकर अपनी इस संविधान सभा को 26 नवंबर 1949 को अंगीकृत, अधिनियमित एवं आत्मार्पित किया गया। आज ही के दिन हमलोग प्रतिवर्ष भारतीय संविधान की उद्देशिका का वाचन देश के तीनों संसदों अर्थात कार्यपालिका, न्यायपालिका एवं व्यवस्थापिका के साथ-साथ प्रत्येक शैक्षणिक संस्थानों एवं कार्यालयों में बड़े ही सम्मान के साथ उद्देशिका का वाचन किया जाता है।
इस अवसर पर स्कूल के वरिष्ठ शिक्षक पोखनलाल चंद्राकर, डीगेश कुमार ध्रुव सहित समस्त छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।