गुरू घासीदास मेला एवं संत समागम हेतु गढ़फुलझर जोड़ा सेतखाम परिसर का निरीक्षण
संपादक कुजकुमार रात्रे महासमुन्द जिला का बसना विकासखण्ड धार्मिक जागरूकता के कार्यों के लिए जाना जाता है। यहाँ समय समय पर अनेक मठ,मंदिरों, संस्था संगठनों के प्रयास से भजन, सत्संग, धार्मिक अनुष्ठान एवं समाज हित के कार्य संपादित होते रहते है।
गढ़फुलझर गढ़ मे कोलता समाज के तत्वावधान में आयोजित शारदीय नवरात्र के पावन पर्व पर आयोजित समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री रमनसिंह ने गढ़फुलझर के गढ़ को पर्यटन के रूप मे विकसित करने की योजना बनाये थे।
इसी भाव से गढफुलझर के गढ़ परिसर मे विभिन्न समाज को अपने अपने आराध्य के पूजा स्थल व सामाजिक भवन हेतु भूमि आबंटित करने के साथ विकसित करने बढ़ावा दिया जा रहा है।
यहाँ अनेक वर्षों से जोड़ा सेत खाम स्थापित किया गया है। प्रतिवर्ष यहाँ सतनामी समाज द्वारा
18दिसम्बर गुरू घासीदास जयन्ती के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित होते हैं ।
आगामी गुरू पर्व को धूमधाम से मनाने स्थानीय सतनामी समाज के आव्हान पर राजमहंत पी एल कोसरिया ने प्रदेश महासचिव लखन कुर्रे ,समाज प्रमुख अभय धृतलहरे, ब्लाक प्रमुख तरूवर कोसरिया,समाज सेवी खोलबाहरा निराला, रोहित कोसरिया, संत लाभो दास,हेमंत मिरी,मिलाप निराला, लिलेश्वर कोसरिया, उसत मिरी,गनपत कोसरिया,संत मनी दास, जीवन दास,देवदास रात्रे एवं समाज जन के साथ कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण कर आगामी कार्यक्रम को भव्य रूप से आयोजित करने रूपरेखा बनाये। इस दौरान स्थानीय सामाजिक प्रतिनिधि उपस्थित रहे।