” दिया तले अंधेरा ” मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना में भ्रष्टाचार का बोलबाला”
जिला उच्च अधिकारी के नाक के नीचे हाऊसिंग बोर्ड एजेंसी, बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन ठेकेदारों, इंजीनियरों एवं सुपरवाइजरो की बल्ले-बल्ले"
पत्रकार:- कुंजू रात्रे, बुलेट न्यूज़ महासमुंद। मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना में लाखों रुपए की हेराफेरी कर अफशरशाहों के बीच हो रही है बंदरबाट। कहते हैं कि देश कि बागडोर अगर किसी सच्चे व कुशल नेतृत्वकर्ता व्यक्तित्व के हाथ में चली जाए तो देश अपने आप उन्नति एवं तरक्की के पथ पर हमेशा अग्रसर होता चला जाएगा। सहीं मायने में कहां जाए तो राह दिखाने वाला ही असली पथ प्रदर्शक होता है। ऐसे ही व्यक्तित्व के धनी हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी हैं जिन्होंने देश की सत्ता को अपने हाथों में लेते हुए कहा था कि मनुष्य को जीरो से स्टार्ट करनी चाहिए जो व्यक्ति जीरो से स्टार्ट करता है वह जीवन में निरंतर तरक्की और उन्नति की ओर अग्रसर होता है। लेकिन शायद आज उनके द्वारा कही गई बातें लोगों के जेहन में दूसरे ढंग से बैठ गई है जिसका लोग गलत अर्थ या मतलब निकालते हुए अपने स्वार्थ के फलीभूत होकर अपना जेब हरे-हरे नोटों की गड्डियों से भरने लगे हैं। मेरा कहने का आशय यह है की आज ईमानदारी अपने आप में पूरी तरह से खोखली हो चुकी है चाहे वह किसी भी निर्माणाधीन भवन, इमारत की बात हो या फिर किसी गुणवत्ताहीन सड़क निर्माण ही क्यों ना हों।
जी हां हम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ के समस्त जिलों एवं ब्लाक के अंतर्गत स्कूलों में बनने वाले नए अतिरिक्त कक्ष भवन की जो मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के माध्यम से बनाए जा रहे हैं जिसमें लाखों रुपय की धांधली, गड़बडी, भ्रष्टाचार व घोटाला होते हुए स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
इस बात की पड़ताल करने के लिए जब बुलेट न्यूज़ ने महासमुंद ब्लॉक अंतर्गत स्थित पूर्व माध्यमिक शाला एवं प्राथमिक शालाओं का आकस्मिक निरीक्षण किया तो उन स्कूलों में यह भ्रष्टाचार देखने को मिला। शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला चिंगरौद के मुख्य द्वार चैनल गेट जो की 5 फीट का ही बना हुआ था जिसमें ऊपर की ओर से डेढ़ फीट का रॉड जोड़ करके 6:30 फिट का बनाया गया था साथ ही छज्जा लेवल में उक्त चैनल गेट को ना तो ऊपर की ओर न ही दाएं और बाएं किसी कालम से जाम नहीं किया गया है बल्कि उसे ईंटों की दीवार से चैनल गेट को खड़ा किया गया है जो की मजबूती के मामले में फिसड्डी साबित हो रही है वर्तमान में अभी से ही जोड़ में दरारें नजर आ रही हैं। ठीक इसी तरह चारों खिड़कियों को भी छज्जे एवं कालम में जाम नहीं किया गया है। वहीं बरामदे से लगे कमरे की चौखट में एक पतला सा फ्रेम दिया गया है जिसमें दरवाजा लगना है वह भी मजबूती से दीवाल में नहीं लगाया गया है। इसी तरह भवन के चारों तरफ चार दिवारी पर चबूतरा का निर्माण किया गया है उसे चबूतरे पर बिना गिट्टी एवं बेस के फ्लोरिंग कर दिया गया है जिसके कारण वह बिना मजबूती के पूर्ण रूप से भसक गया था।
उक्त भवन के बारे में जब वहां के शिक्षकों से पूछा गया तो वरिष्ठ शिक्षक पोखनलाल चंद्राकर ने उक्त भवन के बारे में बुलेट न्यूज़ को बताते हुए कहा कि जब से भवन निर्माणाधीन हो रहा था तब से लेकर आज तक उक्त भवन में एक गिलास पानी तक नहीं डाला गया है उक्त भवन काले ईंटों से निर्मित है जो पानी को काफी मात्रा में अवशोषित करता है। बिना पानी के बने इस भवन में भविष्य में दरारें पड़ने एवं पापड़ी छोड़ने की संभावना अधिक है।
शिक्षक डीगेश कुमार ध्रुव ने उक्त भवन के बारे में बताते हुए कहा कि अतिरिक्त कक्ष भवन की गुणवत्ता से संबंधित एसएमसी की बैठक ली गई है जिसमें प्रस्ताव पारित किया गया की उक्त निर्माण एजेंसी हाउसिंग बोर्ड एवं ठेकेदार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। साथ ही भवन का फोटोग्राफ हमारे संकुल प्रभारी एवं समन्वयक को भी दी जा चुकी है। अविश्वास प्रस्ताव उक्त भवन के विरुद्ध हो चुका है लेकिन भवन ठेकेदार के अंतर्गत सुपरवाइजर नरेश पाल जब स्कूल में आए तब उनके द्वारा मौखिक रूप से शिक्षकों को आश्वस्त किया गया की उक्त चैनल गेट को नया बनाकर देंगे साथ ही भवन में जितने भी खिड़की है उनमें अल्युमिनियम सैंक्शन के बजाय लोहे का पल्ला लगाकर देंगें। उनके कहे बातों के अनुसार शिक्षक आश्वस्त हो गए जैसे – तैसे एक डेढ़ माह व्यतीत हो जाने के बाद केवल चैनल गेट को बदला गया है अभी तक खिड़की में लोहे का पल्ला नहीं लगाया गया है। मजे की बात यह है कि आज तक कोई भी अधिकारी एवं कर्मचारी उक्त भवन का निरीक्षण करने तक नहीं आए।
इसी क्रम में बुलेट न्यूज़ के द्वारा ग्राम बम्हनी के प्राथमिक स्कूल अतिरिक्त कक्ष भवन को देखा गया तो उसमें भी ढेर सारी अनियमितताएं देखने को मिली। इसके पश्चात शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला साराडीह जब पहुंचे तब वहां भी इस प्रकार की अनियमितताएं नए अतिरिक्त कक्ष भवन में देखने को मिला।
इससे स्पष्ट जाहिर होता है कि उच्च अधिकारियों के नाक के नीचे अतिरिक्त भवन कक्ष का बंदरबाट उक्त निर्माण एजेंसी, बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन ठेकेदार, इंजीनियरों एवं सुपरवाइजरो के बीच बड़ी मोटी रकम का लेन- देन व शेयर-बंटवारे के माध्यम से हो रहा है।
आपको बता दें कि महासमुंद जिले के अंतर्गत प्राथमिक, मिडिल, हाई एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में कुल 220 भवनों का निर्माण मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के माध्यम से स्कूलों में बन रहा है एस्टीमेट के आधार पर कई कई स्कूलों मे एक कमरा एवं छोटा सा बरामदा का ले आउट के आधार पर किसी स्कूल को 8 लाख 32 हजार तो कहीं 9 लाख 60 हजार रूपए प्रस्तावित है।
आपको हम बताना चाहेंगे कि पूर्व में प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत गरीब परिवारों को 1 लाख 20 हजार रुपए की राशि प्रदान की जाती थी जिसके अंतर्गत व्यक्तियों को एक कमरा और एक बरामदा का निर्माण किया जाना था आज वही मुख्यमंत्री स्कूल जतन कार्यक्रम के तहत लाखों रुपए का अनुदान प्राप्त हो रहा है जिसमें विभिन्न गुणवत्ता विहीन सामग्रियों का प्रयोग करते हुए निर्माण एजेंसी द्वारा लाखों रुपए की हेरा फेरी की जा रही है।
इससे तो यह बात स्पष्ट है कि जिले के उच्च अधिकारी के नाक के नीचे मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के भ्रष्टाचार का बोलबाला अपने चरम सीमा पर है और इस बात से बेखबर होकर उच्च अधिकारी अनजान बैठकर अपनी चुप्पी साधे हुए हैं। जबकि माननीय मुख्यमंत्री जी का स्पष्ट आदेश है कि उक्त भवन पर किसी भी प्रकार की कोताही बरती नहीं जाएगी।