छत्तीसगढ़

करणी कृपा पावर प्लांट मे मजदूरों के साथ हुई हादसे के संबध मे सहायक संचालक, औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा को नोटिस जारी  

3 दिवस के भीतर समक्ष उपस्थित होने के निर्देश

 

 

पत्रकार कुंजूरात्रे महासमुंद महासमुंद 26 सितंबर 2024//करणी कृपा पावर प्लांट ग्राम खैरझिटी, महासमुन्द में मजदूरों के साथ हुई दुर्घटना के संबंध में कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी  विनय लंगेह ने विलंब से जानकारी देने के संबंध में सहायक संचालक, औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा, कक्ष क्रमांक 22. पुराना कलेक्ट्रेट कार्यालय, कलेक्ट्रेट परिसर जिला-बलौदाबाजार-भाटापारा को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए

03 दिवस के भीतर समक्ष में उपस्थित होकर कारण स्पष्ट करने कहा है,अन्यथा क्यों न आपके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित की जावे।

ज्ञात है कि करणीकृपा पावर प्लांट खैरझिटी तहसील व जिला महासमुन्द में 08 सितंबर 2024 को दुर्घटना घटित होने से 03 मजदूर गंभीर रूप से घायल हुये थे, जिसकी सूचना प्रबंधन द्वारा पुलिस /जिला प्रशासन को नहीं दी गई थी।

विलंब से जानकारी देने के संबंध में सहायक संचालक, औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा को 03 दिवस के भीतर समक्ष में उपस्थित होकर कारण स्पष्ट करने के आदेश दिए हैँ, कलेक्टर ने कहा कि कि क्यों न आपके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित की जावे।

ज्ञात है कि 22 सितंबर 2024 को सोशल मीडिया एवं अखबारों में उक्ताशय की खबर प्रकाशित होने पर फैक्ट्री में हुई दुर्घटना की सूचना जिला प्रशासन को प्राप्त हुई। पश्चात् इस कार्यालय द्वारा दुर्घटना की जांच हेतु अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) महासमुन्द, महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र महासमुन्द एवं श्रम पदाधिकारी महासमुन्द की टीम गठित कर दिनांक 23 सितंबर 2024 को फैक्ट्री में जांच कर प्रतिवेदन समक्ष में प्रस्तुत किया गया। जिसमें ज्ञात हुआ कि 13 सितंबर 2024 को आपके द्वारा महासमुन्द जिले में उपस्थित होकर करणीकृपा पावर प्लांट ग्राम खैरझिटी में दुर्घटना की जांच की गई, जिसकी सूचना जिला प्रशासन को नहीं दी गई। 23 सितंबर 2024 को जिला प्रशासन टीम द्वारा जांच के पश्चात् आपके कार्यालय द्वारा मुख्य कारखाना निरीक्षक सह श्रमायुक्त को दुर्घटना की सूचना देते हुए इस कार्यालय को प्रतिलिपि प्रेषित की गई है। चूंकि उक्त गंभीर दुर्घटना आपके संज्ञान में होने के बावजूद आपके द्वारा इसकी सूचना जिला प्रशासन को नहीं दिया गया। जिससे सोशल मीडिया एवं अखबारों में जिला प्रशासन की छवि धूमिल हुई है।

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