कूड़े कचरे को मूल्यवान संसाधनों में बदलकर नवाचार व उपयोगी वस्तुएं बनाकर अपशिष्ट पदार्थ से धन लाभ प्राप्त किया जा रहा हैं – योगेश मधुकर
कुंजूरात्रे महासमुंद शासकीय उच्च प्राथमिक शाला चिंगरौद में आज स्वच्छता पखवाड़ा के चौथे दिवस के अवसर पर बच्चों को सामुदायिक सहभागिता एवं स्वच्छता के बारे में अवगत कराया गया। शिक्षक योगेश कुमार मधुकर में बच्चों से कहा कि आज हमारा देश विकासशील की श्रेणी को पार करते हुए विकसित देशों की श्रेणी में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। लेकिन स्वच्छता की दृष्टि से देखा जाए तो हमारा देश विश्व में 180 वीं स्थान पर है आज हम सभी एकजुट होकर स्वच्छता पखवाड़ा 1 सितंबर से लेकर 15 सितंबर तक मना रहे हैं शासन का मुख्य उद्देश्य है कि स्वच्छता पखवाड़ा के अंतर्गत हमारा देश, राज्य, प्रत्येक गांव एवम् शहर स्वच्छता के मामले में अग्रणी रहे। परंतु यहां निवासरत लोगों की मानसिकता सबसे परे है प्रमुख सड़कों,चौक-चौराहों तथा अन्य स्थानों पर जहां देखो वहां पर गंदगी का आलम बना ही रहता है। अगर हम इसकी साफ सफाई एवं स्वच्छता का संपूर्ण ध्यान रखें तथा हम सभी नागरिक मिलजुल कर विभिन्न ।
जगहों की साफ़-सफाई निस्वार्थ भावना से करें तो हमारी सड़के, गली व चौक चौराहे के साथ ही साथ हम अपने देश राज्य, शहर एवं गांव को स्वच्छ एवं सुंदर बनाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि स्वच्छ सर्वे सर्वेक्षण में यह दुनिया का सबसे बड़ा स्वच्छता सर्वेक्षण है और इसका नवीनतम रूप भारत में हरित भविष्य की दिशा में भारत की प्रगति की एक जीवित तस्वीर पेश कर सकता है वर्तमान में देखा जा रहा है कि अपशिष्ट पदार्थ से धन और उसे एक थीम के साथ सर्वेक्षण में कचरे को मूल्यवान संसाधनों में बदलने तथा नवाचार को बढ़ावा देने और स्थाई अपशिष्ट प्रबंधन प्रथाओं में नागरिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने पर शासन के द्वारा लोगों का ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। जिसमें ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, नगर पालिका एवं नगर निगम के कर्मचारियों के द्वारा घर-घर जाकर लोगों के घरों से कूड़े करकट उठाया जा रहा है उनका यह कदम काफी सराहनी है।
शिक्षक योगेश कुमार मधुकर ने कहा कि आज का विषय सामुदायिक सहभागिता के अंतर्गत है जिसमें हम अपने समुदाय को स्वच्छता के माध्यम से जागृत कर उनको शौचालय, जल प्रबंधन तथा कूड़े कचरे से संबंधित जानकारी प्रदान करना है साथ ही साथ समस्त बच्चों को भी इसके बारे में अवगत कराना है ताकि इसके संबंध में लोगों को अधिक से अधिक जानकारी हो सके तथा वे बढ़ चढ़कर स्वयं तथा दूसरों को सफाई की ओर ध्यान आकर्षित कर सके।
उन्होंने स्कूल के समस्त बच्चों को विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से स्वच्छता अभियान के बारे में बताया जिसका अनुसरण कर बच्चे स्वयं प्रेरित होकर विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से अन्य बच्चों को स्वच्छता के बारे में प्रेरित किया जैसे प्रत्येक दिवस साबुन से स्नान करना, नाखूनों की सफाई करना, शौच से आने के बाद अपने हाथों को अच्छी तरह साबुन से साफ करना, खाने पीने के बर्तनो को साफ़ करना, अपने वस्त्रों की नियमित सफाई करना, खेलकूद करते समय अपने हाथों से नाक, कान, मुंह एवं आंख जैसे नाजुक अंगों को ना छूना इत्यादि बातों के बारे में कक्षा गतिविधि के माध्यम से बताया व समझाया गया।