छत्तीसगढ़

अधिनियम मोदी सरकार 10 साल में विलोपित नहीं कर पाई आपातकाल मानव समाज के लिए धब्बा

कुंजूरात्रेमहासमुंद (मीसा) अधिनियम मोदी सरकार 10 साल में विलोपित नहीं कर पाई आपातकाल मानव समाज के लिए धब्बा,आपातकाल के निर्देशों को याद किया जिसमें जयप्रकाश नारायण से लेकर रायपुर के गदरे जी सहित हजारों लोग आपातकाल के दमन की बलि चढ़े- जागेश्वर प्रसाद

रायपुर 25 जून 24। ठा.प्यारेलाल सिंह मार्ग हांडीपारा स्थित छत्तीसगढी भवन में राज्य आंदोलनकारियों ने आज आपात काल(मीसा) के काले दिन को स्मरण करते हुए कहा कि 25 जून 1975 अर्ध रात्री आपात काल घोषित कर गैर कांग्रेसियों को गिन-गिन कर जेल में ठुस दिये गये।जिसमें लोकनायक जयप्रकाश नारायण सहित लाखों लोगों को देशभर में श्रीमती इंदिरा गांधी ने अपनी कुर्सी सत्ता बचाने के लिए डीआईआर(मीसा) के तहत जेल में ठोस दिए गए। उसी प्रकार से छत्तीसगढ़ में भी हजारों लोगों को जेल में ठुस दिया गया।जिसमें स्वतंत्रता संग्राम सेनानी देश के आजादी के लिए बेड़ा डंडी का सजा पाने वाले लोकतंत्र सेनानी प्रथम राज्य आंदोलनकारी लाखों छत्तीसगढ़ियों को राज्य आंदोलन के लिए संघर्ष का रास्ता दिखाने वाले मार्गदर्शक आचार्य नरेंद्र दुबे,मदन तिवारी,पंढरी राव कृदंत,पुरुषोत्तम लाल कौशिक,नरहरि साय,जागेश्वर प्रसाद,अब्दुल गनी, परमानंद वर्मा आदि प्रमुख रूप से शामिल थे। आपातकाल मीसा डीआईआर को मानव समाज के लिए काला धब्बा निरूपित किया।इससे पीड़ितों को मुक्त दिलाने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने अपने 10 वर्ष के शासन काल में इस काला कानून को विलोपित नहीं किया इसे दुखद करार दिया।आज प्रमुख स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राज्य आंदोलनकारी आचार्य नरेंद्र जी के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर राज्य आंदोलनकारी दाऊ जी.पी. चंद्राकर,अनिल दुबे,मीसा बंदी जागेश्वर प्रसाद सहित अशोक कश्यप,श्यामू राम सेन, वेगेंद्र सोनवेर, चिंतामणि सोनवेर,भरत यादव आदि लोगों ने चर्चा में भाग लिया।अशोक कश्यपउप संगठन सचिवमो. 9009087379

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