छत्तीसगढ़

विश्व जैव विविधता दिवस पर सरपंच भामिनी पोखर ने आयोजित की संगोष्ठी।

कुंजूरात्रेमहासमुंद/बेलसोंडा :- आज के वर्तमान युग मे जहां जनप्रतिनिधिगण निर्वाचित होने के बाद अपने आप मे ही खो जाते है वही ग्राम पंचायत बेलसोंडा की सरपंच श्रीमती भामिनी पोखन चन्द्राकर सर्वकल्याण के लिए अपने पंचों तथा समर्थकों को बुलाकर पारिस्थितिक तंत्र की संतुलन को बनाये रखने के उद्देश्य से संगोष्ठी का आयोजन किया ताकि लोग जैव विविधता का उद्देश्य उनके लाभ तथा असंतुलन से होने वाली हानि के बारे मे जान सके। ग्राम पंचायत की महिला सरपंच तथा महिला सचिव की जोड़ी रंग ला रही है जिसके परिणामस्वरूप ही किसी पंचायत मे इस प्रकार की संगोष्ठी का आयोजन हो रहा है। सरपंच श्रीमती भामिनी पोखन चन्द्राकर से जब इस प्रतिनिधि ने विस्तृत जानकारी लिया तो सरपंच ने इसका महत्व बताते हुए कहा कि जैव विविधता के नियंत्रण के लिए पारिस्थितिक तंत्र का संतुलन बहुत ही जरूरी है जिसके लिए हमे पृथ्वी पर मनुष्यों सहित सभी जीवों के जीवन का समर्थन करना पड़ेगा।

जानवरों , पौधों तथा सूक्ष्म जीवों की विस्तृत श्रृंखला के बिना हम पारिस्थितिक तंत्र का संतुलन नही बना सकते और संतुलन बनाने मे हम यदि सफल हो जाते है तो जैव विविधता मे नियंत्रण किया जा सजता है। सचिव श्रीमती नेहा उपाध्याय ने जैव विविधता मे अनियंत्रण से हानि के बारे में सभी को अवगत कराया कि पारिस्थितिक तंत्र में असंतुलन से भू रासायनिक चक्र मे कार्बन, नाइट्रोजन और फॉस्फोरस जैसे पोषक तत्व में कमी होती है जिससे उत्पादकता, पानी की गुणवत्ता तथा ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन मे बदलाव आ सकता है। सक्रिय पंच प्रकाश साहू ने बताया कि जैव विविधता में कमी का कारण अत्यधिक जनसंख्या, ग्लोबल वार्मिंग, वनों की कटाई तथा बढ़ता प्रदूषण ही है जिसे नियंत्रित करके जैव विविधता का संरक्षण किया जा सकता है। संगोष्ठी मे समर्थकगण उदेराम साहू तथा शत्रुघ्न साहू ने जैव विविधता के नियंत्रण मे अधिकतम संख्या मे लोगों को वृक्षारोपण कार्य मे सहयोग करने का महत्व बताते हुए कहा कि हम वृक्षारोपण, स्वच्छ हवा और पानी तथा पौधों के परागण, कीट नियंत्रण तथा अपशिष्ट जल उपचार के माध्यम से पारिस्थितिक तंत्र को संतुलित कर सकते है। संगोष्ठी मे सभी महिला पंच त्रिवेणी चन्द्राकर, सावित्री चन्द्राकर, मीनू चन्द्राकर, ईशा धीवर, हेमा साहू, सरस्वती साहू, भारती ध्रुव तथा अन्य लोग थे ये सभी पंच मनरेगा कार्य मे कार्य करते हुए लोगों को संगोष्ठी के बारे मे जानकारी दिया तथा अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के बारे मे बताया।

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