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एन एच एम कर्मी भी 20 वर्षो से स्वास्थ्य सेवाएं दे रहें है उनको सरकार अगर चाहे तो रेगुलर, सविलियन कर सकती

 रिपोर्टर कुंज कुमार रात्रे जिला महासमुन्द राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन NHM कर्मचारियों को शासन प्रशासन के दबाव से अमर दीप मरकाम का ह्रदय घात मृत्यु पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजित किया गया.

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन NHM कर्मचारियों नें शासन प्रशासन के  दमन कारी नीति से निकाली गई नोटिश पत्र को जलाई गई.

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के कर्मचारी नियमितीकरण, ग्रेड पे सहित अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर अलग-अलग गतिविधियों के माध्यम से सरकार का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास कर रहे हैं।आज धरना स्थल लोहिया चौक धरना स्थल महासमुन्द में रैली निकाल कर कांग्रेस भवन चौक के सामने शासन प्रशासन द्वारा दमन कारी नीति अपनाये जाने पर कर्मचारी स्व अमर दीप मरकाम के अकस्मात ह्रदय घात से मृत्यु पर श्रद्धांजलि अर्पित किया गया, कहीं न कहीं मानसिक दबाव मिला एव शासन प्रशासन के द्वारा नोटिस पत्र को जला दिया गया. और कृत्य को तेरह दिन के हड़ताल को तेरही के रूप में मनाया गया. तख्तियों, बैनरों और “मोदी की गारंटी” के नारों के माध्यम से दमन के आगे निचे नहीं झुकेगी, रोजी रोटी दे न सके ओ सरकार निकम्मी है, आटा है न दाल है घर बुरा हाल है, शासन प्रशासन होस में आओ, नियमितीकरण ले के रहेंगे, का नारे लगाया गया, आम जनता के बीच लो में मांगों से अवग तकराया। महिला कर्मचारियों ने भी तीजा, गणेश चतुर्थी निभाते हुए धरना स्थल पर डटे रहकर आंदोलन का समर्थन किया.उधर, कर्मचारियों के अनिश्चितकालीन आंदोलन में चले जाने से उप स्वास्थ्य केंद्र, आयुष्मान आरोग्य मंदिर, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेजों में स्वास्थ्य सेवाएँ पूरी तरह चरमरा गई हैं, जिससे आम जनता को आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएँ समय पर नहीं मिल पा रही हैं।कर्मचारियों का कहना है कि स्वास्थ्य सेवाएँ ठप होने के लिए वे नहीं, बल्कि शासन का अड़ियल रवैया जिम्मेदार है। कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष राम गोपाल खूंटे. एवं कर्मचारियों ने स्पष्ट किया कि नियमितीकरण, ग्रेड पे और लंबित 27% वेतन वृद्धि सहित सभी मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा।पूर्व में 20 वर्ष पहले सरपंच अगर न्युक्ति करता था वह शिक्षक, सचिव रेगुलर हुये है. उसके बाद शिक्षा कर्मी भी संविदा से सविलियन हुये. उसके बाद वर्तमान बी एड शिक्षक 2700 की संख्या में प्रयोगशाला शिक्षक में सविलियन किये है. तदर्थ चिकित्सा अधिकारी को 15 साल के बाद नियमितीकरण, सविलियन किये है, हम सभी एन एच एम कर्मी भी 20 वर्षो से स्वास्थ्य सेवाएं दे रहें है उनको सरकार अगर चाहे तो रेगुलर, सविलियन कर सकती. इसके लिए केंद्र सरकार से किसी भी प्रकार से बजट या ज्ञान की आवश्यकता नही है बस सरकार की इक्षा शक्ति होनी चाहिए. एनएचएम संविदा कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि शासन जल्द ही उनकी मांगों पर लिखित निर्णय नहीं लेता, तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा।आज कर्मचारियों ने चार समूहों में मोदी की गारंटी, प्रधानमंत्री के घोषणा पत्र में उल्लिखित 100 दिनों में नियमितीकरण के वादे को जनता के बीच प्रस्तुत किया और बड़े नेताओं के मंचों से दिए गए वक्तव्यों को सबूत के रूप में साझा कर शासन का ध्यान आकृष्ट करने का प्रयास किया।

धरना प्रदर्शन में बड़ी संख्या में अधिकारी-कर्मचारी “मोदी की गारंटी” खोजने निकले।

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