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मरीज परेशान – इलाज ठप, ओपीडी से लेकर इमरजेंसी तक असर, पड़ता है

रिपोर्टर कुंज कुमार रात्रे महासमुन्द दिनांक 19 अगस्त 2025 छत्तीसगढ़: स्वास्थ्य कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल से स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई

मरीज परेशान – इलाज ठप, ओपीडी से लेकर इमरजेंसी तक असर,

धरना स्थल में मंत्रियों के किये गए वादे को मुखता लगाकर किया प्रदर्शन रायपुर: छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के कर्मचारी अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। प्रदेशभर के लगभग 16,000 कर्मचारी तथा महासमुन्द जिले के करीब 550 स्वास्थ्य कर्मी हड़ताल में शामिल हैं। आंदोलन के चलते प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो गई है।

धरना स्थल में पहुँचे प्रदेश महासचिव श्री कौशलेन्द्र तिवारी, पूर्व अध्यक्ष श्री हेमंत सिन्हा उपस्थित हुये जिलाध्यक्ष महासमुन्द राम गोपाल खूंटे ने कहा—

“जब तक कर्मचारियों की मांगें पूरी नहीं होंगी, आंदोलन जारी रहेगा।”

10 सूत्रीय कर्मचारियों की मुख्य माँगें:

नियमितीकरण/सिविलियन

ग्रेड पे लागू करना

पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना

27% लंबित वेतनवृद्धि का आदेश जारी करना

मेडिकल अवकाश एवं अन्य स्वीकृत लाभों को लागू करना

सहित 10 सूत्रीय माँग हैं

प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित मिरी, डॉ. रवि शंकर दीक्षित एवं जिलाध्यक्ष महासमुन्द ने बताया कि कई बार मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात कर कर्मचारियों ने अपनी जायज मांगें रखीं, लेकिन लगातार अनदेखी की गई। यहाँ तक कि स्वीकृति मिलने के बावजूद आदेश जारी नहीं किए गए, जिससे कर्मचारी आंदोलन करने को विवश हुए।

हड़ताल से प्रभावित सेवाएँ

मरीजों को दवाइयाँ उपलब्ध नहीं, संस्थागत प्रसव प्रभावित,

नवजात शिशु वार्ड व पोषण आहार केंद्र बंद

शुगर, ब्लड टेस्ट, ट्रूनाट, सीबीनाट, बलगम टेस्ट व नेत्र जाँच ठप

स्कूल एवं आंगनबाड़ी स्वास्थ्य परीक्षण बंद

रूटीन टीकाकरण पूरी तरह प्रभावित

टीबी, मलेरिया, कुष्ठ जैसी बीमारियों के मरीजों को दवाइयाँ नहीं मिल रहीं

स्वास्थ्य विभाग की सभी ऑनलाइन एंट्री कार्यवाही ठप

ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के कई उप स्वास्थ्य केंद्र व अस्पतालों में तालेबंदी

आंदोलन में प्रमुख रूप से उपस्थित…..जिलाध्यक्ष रामगोपाल खूंटे, डॉ देवेंद्र साहू, श्री उत्तम श्रीवास, ऐकेश्वर शुक्ला, अनसुमन चंद्राकर, गेवेन्द्र नौरंगे, सुरेन्द्र चंद्राकर, जयकांत विश्वकर्मा, परमेश्वर सेन, प्रवीण नागदेवे, दुधेश पटेल, पूर्णिमा चंद्राकर, घनश्याम पटेल, हिरेन्द्र कर, कमला तांडी, डॉ वीरेंद्र प्रजापति, शिव कुमार साहू, पुष्पा महिलाँग, सोमेन्द्र ठाकुर, कविता चंद्राकर, त्रिवेणी, मेघा ताम्रकार, विनय प्रधान, कोमल साहू, अँसुया कुर्रे, दुर्गा पटेल, देव कुमार डडसेना आदि .शामिल हुये…शासन प्रशान को आहुतियज्ञ देकर

संघ की चेतावनी* सतबुद्धि दिया गया.

 

“यदि सरकार ने जल्द ही ठोस निर्णय नहीं लिया, तो आंदोलन और उग्र किया जाएगा, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।”

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