त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में निष्पक्ष एवं पारदर्शिता का ना होना जनता को आशंकित कर सकता है।
3 वर्षों से अधिक समय तक पदस्थ अधिकारी-कर्मचारियों का स्थानांतरण न होना चुनाव आयुक्त की असफलता को प्रदर्शित करती है
संपादक कुंज कुमार रात्रे
महासमुंद वर्षों से अधिक समय तक पदस्थ अधिकारी-कर्मचारियों का स्थानांतरण न होना चुनाव आयुक्त की असफलता को प्रदर्शित करती है त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव एवं नगरीय निकाय चुनाव की तैयारियां तेज हो गई है इसके लिए शासन प्रशासन ने चुनाव संपन्न कराने की प्रक्रिया आरंभ कर दी है। लेकिन उक्त चुनाव को संपन्न कराने के साथ साथ उसे निष्पक्ष, पारदर्शी और सुगम बनाने के लिए आवश्यक कदम महासमुंद जिले में नहीं उठाए गए हैं। प्रशासन को लगातार अधिकारियों के पक्षपात पूर्ण रवैया और चुनाव में धन बल के प्रभाव की शिकायत मिलती रहती है साथ ही अन्य एजेंसियां भी सक्रिय होती हैं ताकि चुनाव को प्रभावित करने की हर संभव कोशिश को नाकाम किया जाए चुनाव आते ही राज्य में कई स्थानों से भारी नगदी भी बरामद होती रहती है यह सक्रियता प्रदर्शित करती है लेकिन विभिन्न स्तरों से मिली शिकायतों पर भी प्रशासन को सख्त रवैया अपनाना पड़ेगा।
आपको बता दें कि महासमुंद जिले के पंचायत विभाग में पदस्थ अधिकारी एवं कर्मचारी एक ही स्थान पर तीन वर्षों से अधिक समय तक पदस्थ हैं तीन वर्षों से अधिक पदस्थ होने के कारण वे स्थानीय हो चुके हैं ऐसी स्थिति में उनके माध्यम से चुनाव कराना असंभव सा प्रतीत हो रहा है क्योंकि निष्पक्ष निर्वाचन की कार्रवाई में कहीं उनके माध्यम से भेदभाव किए जाने की संभावना से इनकार भी नहीं किया जा सकता है अतः पिछले तीन वर्षों से पदस्थ अधिकारी एवं कर्मचारियों का स्थानांतरण वर्तमान परिपेक्ष में नहीं किया जाना आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के निष्पक्ष एवं पारदर्शिता का ना होना आम जनता को आशंकित कर सकता है साथ ही आम जनता के लिए मुसीबत का सबब भी बन सकता है।
उक्त कार्यालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों का स्थानांतरण उक्त चुनाव समय से पहले नहीं किया जाना चुनाव आयुक्त की असफलता को प्रदर्शित करती है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में संलग्न अधिकारियों एवं कर्मचारियों के द्वारा अगर किसी विशेष दल के पक्ष में काम करने लगे तो निष्पक्ष चुनाव की परिकल्पना नहीं की जा सकती है। ऐसे अधिकारियों एवं कर्मचारियों को चिन्हित कर उन्हें चुनाव कार्य से अलग रखना होगा। साथ ही धन बल के इस्तेमाल की शिकायतों पर भी शिकंजा कसना जरूरी है। आम लोगों का भी फर्ज है कि निष्पक्ष चुनाव में प्रशासन का भी साथ दें तथा सभी को अपनी महती जिम्मेदारी को निभाने एवं सबके सहयोग की आवश्यकता होगी। आम मतदाता यदि सतर्क और जागरूक रहेगा तो कोई भी व्यक्ति उसे प्रभावित नहीं कर सकता। अगर कोई दल या उम्मीदवार उसे प्रभावित करने की कोशिश करता है तो तत्काल इसकी शिकायत चुनाव आयुक्त को भी करें और अपने सजक होने का परिचय भी दें।