छत्तीसगढ़

जिला से भी छः लोगों की हुई गिरफ्तारी, रिहाई नहीं करने से शासन के प्रति समाज में बढ़ रही है आक्रोश

बलौदा बाजार आगजनी कांड में बंद निर्दोष लोगों की रिहाई हेतु सौंपा ज्ञापन 

संपादक कुंज कुमार रात्रे महासमुंद – बलौदा बाजार कलेक्टर कार्यालय परिसर में हुई आगजनी एवं तोड़-फोड़ मामले में बंद सतनामी समाज के 186 लोगों की रिहाई हेतु प्रगतिशील छत्तीसगढ़ सतनामी समाज (युवा प्रकोष्ठ) व सतनामी अधिवक्ता संघ द्वारा राज्यपाल, मुख्यमंत्री व गृहमंत्री के नाम से कलेक्टर महासमुंद को ज्ञापन सौंपकर रिहाई की मांग किया।

ज्ञापन में बताया गया है कि 10 जून को बलौदा बाजार में सतनामी समाज द्वारा आयोजित घरना- प्रदर्शन के दौरान घटित आगजनी एवं तोड़‌फोड़ की घटना में सतनामी समाज के समाज प्रमुखों एवं विभिन्न संगठनो के पदाधिकारियों को इसलिए गिरफ्तार कर जेल भेजा दिया गया है कि वे धरना-प्रदर्शन में शामिल थे या मंच पर संवैधानिक रूप से समाज के समर्थन में उपस्थित रहे। जिसका आगजनी व तोड़-फोड़ में कोई संलिप्तता नहीं है। वें तो सतनामी समाज द्वारा गिरौदपुरी धाम के पास महाकोनी अमरगुफा में स्थित जैत खाम को काटे जाने की घटना की CBI जांच की मांग को लेकर प्रदर्शन किया गया था,जिसमें समाज के धर्मगुरु व समाज प्रमुखों सहित सभी राजनैतिक दल विभिन्न सामाजिक संगठन के पदाधिकारी युवा महिला सहित सामाजिक कार्यकर्ता हजारो की संख्या में शामिल थे। जहां समाज के सभा के पश्चात रैली के दौरान कुछ असामाजिक लोग शामिल होकर घटना को अंजाम दिया और सतनामी समाज के साथ शासन प्रशासन को बदनाम किया। धरना-प्रदर्शन में बीस से तीस हजार की संख्या में शामिल लोगों में से समाज के केवल 186 लोगों को गिरफ्तार कर प्रदेश के विभिन्न जेलों में छः माह से रखा गया है। प्रकरण के चालान प्रस्तुत होने व 6 माह बीत जाने के बाद भी जमानत नहीं दिया जा रहा है। जबकि गिरफ्तार लोगों में कुछ उम्रदराज व गंभीर बीमारी से ग्रसित लोग हैं जिनकी जमानत या रिहाई नहीं होने से मानसिक और शारीरिक स्थिति और बिगड़ रही है। वहीं बहुत से लोगों के परिवार को आर्थिक पारिवारिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि वे एक मात्र कमाऊं सदस्य हैं।

महासमुंद जिला से ही 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिसमें नेतराम जांगड़े ग्राम तरेकेल जो धरना-प्रदर्शन में भी शामिल नहीं था उस दिन अपने गांव में ही ट्रेक्टर से खेत जुताई कर रहे थे।इसी प्रकार दिनेश बंजारे युथ प्रदेशाध्यक्ष और विजय बंजारे जिलाध्यक्ष ,हीरा जोगी प्रदेश उपाध्यक्ष, सोमनाथ टोडेकर जिला मिडिया प्रभारी को केवल सतनामी समाज के पदाधिकारी होने और धरना-प्रदर्शन में संवैधानिक रूप से केवल शामिल होने के कारण ही गिरफ्तार किया गया है। इनमें चारों बीमार है एवं पहले से गंभीर रोगों का उपचार करवा रहे थें।

वहीं मुख्यमंत्री और सरकार के मंत्री गण सार्वजनिक रूप से कहते रहे हैं कि आगजनी और तोड़फोड़ की घटना सतनामी समाज ने नहीं किया है कोई बड़ी साजिश हुई है और इसी बात को सतनामी समाज के लोग भी शुरू से कहते आ रहे हैं कि सतनामी समाज के साथ षडयंत्र हुआ है। फिर भी 99 प्रतिशत सतनामी समाज के लोगों को ही आरोपी बनाया गया है। समाज के मांग पर गृहमंत्री द्वारा सुक्ष्म जांच कराकर निर्दोष लोगों की चिन्हांकन कर रिहाई करने की बात की गई थी परन्तु आज तक किसी भी व्यक्ति की रिहाई नहीं करने से समाज के अन्दर आक्रोश पनप रही है।शासन द्वारा सतनामी समाज को जानबूझकर दबाने के लिए रिहाई नहीं करने की भेद-भाव का आरोप भी लग रहा है। जिसका पटाक्षेप सतनामी समाज के गिरफ्तार सभी निर्दोष लोगों की निशर्त रिहाई कर करने की मांग किया है। यदि समाज के मांग को नजरंदाज करतीं हैं तो समाज आंदोलन के लिए मजबुर होगा।

ज्ञापन सौंपने वालों में प्रमुख रूप से अधिवक्ता संघ के दीनानाथ रात्रे, नंदकुमार जोगी, परेश्वर बघेल, प्रगतिशील छत्तीसगढ़ सतनामी समाज के जिला कार्यकारिणी सदस्य सुरेश रात्रे, डॉ विजय चतुर्वेदी, रामकुमार गायकवाड़, व बागबाहरा ब्लॉक उपाध्यक्ष हरक मन्नाडे,खट्टी परिक्षेत्र के अध्यक्ष कृष्ण कुमार नारंग, सचिव देवकुमार जोशी, चोलेश्वर मारकंडेय, युवा प्रकोष्ठ के जिला सचिव तेजराम चौलिक,जिला उपाध्यक्ष महेंद्र सूर्यवंशी, कोमाखान परिक्षेत्र के युवा अध्यक्ष सोनुटंडन सुकालू राम बंजारे, संतराम भारती, कन्हैया टोंडेकर, देवेन्द्र बघेल व समाज के अन्य लोग शामिल रहे।

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