छत्तीसगढ़

जनजातीय समाज के गौरवशाली अतीत पर निबंध में पूनम व रंगोली में पिंकी प्रथम रही

संपादक कुजकुमार रात्रे महासमुन्द: लोक शिक्षण संचालनालय छत्तीसगढ़ के आदेशानुसार जिला शिक्षा शिक्षा कार्यलय के निर्देशन में एस एल पाटकर प्राचार्य के मार्गदर्शन में जनजातीय गौरव माह अंतर्गत जनजातीय समाज के गौरव शाली अतीत को रेखांकित करने के लिये विद्यालय स्तर पर निबंध व रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें पूनम चन्द्राकर 11वीं ब प्रथम व खुशी चन्द्राकर 11वीं ब से द्वितीय स्थान पर रहे। दोनो बच्चों ने जनजातियों के जीवन शैली उनके संस्कृति रहन सहन खान पान को अपने निबंध पर वर्णन करते हुए बताये की जनजातीय ही देश के असली मूल निवासी हैं। जिनकी मूल संस्कृति अलग अलग क्षेत्र में भिन्न भिन्न है। ये विशुद्ध रूप से प्रकृति पूजक हैं। प्रकृति के रक्षक भी हैं। जिनके जीवन शैली साधारण है अपने मे मस्तमौला जीवन यापन करते हैं। निडर व लड़ाकू भी होते हैं इस कारण देश के स्वतंत्रता आंदोलन में भी अहम भूमिका रहा है इसी क्रम में रंगोली प्रतियोगिता में पिंकी निषाद 11वीं प्रथम व ममता साहू 9वीं द्वितीय स्थान रही जिन्होंने शहीद वीरनारायण सिंह, वीरांगना रानी दुर्गावती, बिरसा मुंडा को स्मरण करते हुए रंगोली के माध्यम से उनके चित्र उकेर कर उनके जीवन गौरव गाथा को जीवंत प्रस्तुत करने का प्रयास किये हैं। इस अवसर पर प्राचार्य ने कहा जनजातीय ही मूल रूप से मूल निवासी हैं। इनकी संस्कृति को हम सब को सहेजना है। जनजातीय समाज आदि काल से शासक वर्ग रहे हैं बाद में विदेशी आक्रांताओं ने उन पर बलात आक्रमण कर उनके अस्तित्व को मिटाने का प्रयास किये हैं। देश के स्वाधीनता में भी उनके बलिदान अग्रणी रहा है। अतः उनके बलिदान को नमन करते हुए उनके धरोहर को अक्षुण बनाये रखने का हम सब की कर्तव्य है। सभी प्रतिभागी बच्चों को बहुत बहुत बधाई । ऐसे ही प्रतियोगिता में भाग लेते रहे हैं।

इस अवसर पर शिक्षक स्टाफ से एस एल पाटकर, पी के ध्रुव, वाय एस बलिहार, तुलेन्द्र सागर, नवीन चन्द्राकर, किरण पटेल, तारिणी कहार, महेश्वरी साहू, वी के तिवारी, कुन्ती दीवान, गंगा बंजारे, जुगनी गुंबर, अमृता कौर, संगीता चन्द्राकर, आराधना साहू, सेवनदास मनुकपुरी, विनोद वर्मा, मनीष साहू, पूर्णिमा सिन्हा, रश्मि चन्द्राकर, हेमलता साहू, कार्यालयीन स्टॉप में शकुंतला सोनी, सुषमा सागर, रूखमणी साहू, प्रदीप यादव , जागेश्वरी गोस्वामी, योगेश्वरी चन्द्राकर, बी एड के छत्राध्यापक एवं विद्यालय के छात्र-छात्राएं की उपस्थिति में कार्यक्रम समन्न हुआ

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