साईं नमन अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से नवजात शिशु की मौत
ऑपरेशन में लापरवाही के कारण नवजात शिशु का शरीर नीला पड़ा, परिजनों ने हॉस्पिटल प्रबंधन पर लगाया गंभीर आरोप, निष्पक्ष जांच कराने की मांग कही
पत्रकार कुंजूरात्रे महासमुंद महासमुंद- जिला मुख्यालय से कुछ ही दूर पर स्थित साईं नमन हॉस्पिटल तुमगांव में एक बार फिर नवजात शिशु की मृत्यु का मामला सामने आने पर सबके दिलों को झकझोर कर रख दिया है। वहीं इस घटना से
शिशु के माता-पिता एवं परिवार वाले काफी दुखी हैं। परिवार वालों ने साईं नमन हॉस्पिटल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए उच्च अधिकारियों से निष्पक्ष जांच कर कर दोषियों के ऊपर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
जब बुलेट न्यूज़ ने पीड़ित परिवार से चर्चा की तो शिशु के पिताजी कृष्ण निषाद ने बताया कि वे तुमगांव स्थित सांई नमन हॉस्पिटल में 18 अक्टूबर को ग्राम खेडिय़ाडीह पासिद से अपनी पत्नी उषा निषाद को सुरक्षित प्रसव कराने के लिए हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। जहां हॉस्पिटल प्रबंधन द्वारा गर्भवती महिला की जांच उपरांत ऑपरेशन से बच्चे को निकालने की बात कही। डॉक्टरों द्वारा लगभग 3:30 के आसपास उक्त महिला का ऑपरेशन कर नवजात शिशु को इस दुनिया में लाया। डॉक्टर के मुताबिक शिशु जन्म समय से बिल्कुल स्वस्थ था। लेकिन एक घंटे बीत जाने के बाद अचानक ही नवजात शिशु का शरीर नीला पडऩे लगा।
डॉक्टरों ने बताया कि नवजात की स्थित काफी नाजुक हो रही है जिसको देखते हुए उसे तत्काल जिला अस्पताल संबद्ध मेडिकल कॉलेज महासमुंद रिफर किया गया। जिला अस्पताल में वहां के डॉक्टरों ने शिशु के प्राथमिक उपचार के पश्चात उसे पुनः रायपुर स्थिति मेकाहारा हॉस्पिटल रिफर कर दिया गया। इसी बीच रास्ते में ले जाते समय बीच रास्ते पर ही शिशु की मौत हो गई शिशु की मौत के बाद परिजनों का कहना है कि हॉस्पिटल प्रबंधन की घोर लापरवाही से ही उनके नवजात की मौत हुई है। दुखित परिजनों ने जब वहां के डॉक्टर एवं अस्पताल प्रबंधन पर नाराजगी जाहिर की तब शिशु के माता-पिता एवं सास ससुर से वहां के कर्मचारियों ने झूमाझटकी करते हुए मारपीट पर उतारू हो गए। वहीं जब मृत शिशु को गोद में लिए उनकी दादी व नानी को वहां के कर्मचारियों द्वारा जबरदस्ती एम्बुलेंस से खींचकर बाहर निकाला गया। हद तो तब और हो गई जब उल्टा हॉस्पिटल प्रबंधन ने उनके माता-पिता एवं परिवार वालों पर तुमगांव थाने में एफआईआर दर्ज कराने पहुंच गए।
बुलेट न्यूज़ ने जब वहां पर मौजूद
पूर्व नगर पंचायत पार्षद धर्मेन्द्र धीवर से उक्त मामले में जानकारी ली गयी तो उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि नवजात शिशु की मृत्यु अस्पताल प्रबंधन की घोर लापरवाही के कारण ही हुआ है निजी अस्पताल ऐसे दिन दुखी परिवारों से खूब पैसा ऐंठने का काम कर दलाली का अड्डा बना लिए हैं। अस्पताल प्रबंधन द्वारा पीड़ित परिवार के साथ मारपीट करना उनको गेट से बाहर भगा देना तथा उनके परिजनों के विरुद्ध पुलिस में उल्टा शिकायत करना अस्पताल प्रबंधन की क्रूरता एवं निजता का परिचायक है उन्होंने अस्पताल प्रबंधन के विरुद्ध उच्च स्तर पर शिकायत और जांच करने की बात कही है।