छत्तीसगढ़

झीरम घाटी नरसंहार भाजपा,कांग्रेस के राजनीतिक का बलि चढ़ा रिपोर्ट लीपा पोती

झीरम घाटी गवाह राज्य आंदोलनकारी अनिल दुबे

कुंजूरात्रे महासमुंद रायपुर 03 सितंबर 2024। झीरम घाटी नरसंहार के गवाह राज्य आंदोलनकारी छत्तीसगढ़ी समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अनिल दुबे ने कहा है कि झीरम घाटी में माओवाद का बढ़ता परवान ने कांग्रेस नेताओं के काफिले पर पूर्व नियोजित 25 मई 2013 के दिन नरसंहार को अंजाम दिया था।जिसकी जानकारी प्रदेश के पुलिस अफसर सहित क्षेत्र के शासकीय कर्मचारी और आमजनों को थी।कर्तव्य से भागने वाले कर्मचारी पुलिस अधिकारी शराब, सट्टा,वेश्यालय से धन अर्जन के लिए बनते हैं शासकीय कर्मचारी।पुलिस अधीक्षक,जिलाधीश,सचिव जैसे लोगों ने नैतिकता खो दिया है।आज झीरम घाटी नरसंहार पर लीपापोती कर रिपोर्ट पेश कर रहे हैं।जिसमें छात्र नेता एवं आदिवासी नेता शहीद महेंद्र कर्मा, विद्याचरण शुक्ला,नंदकुमार पटेल, उदय मुदलियार,योगेंद्र शर्मा जैसे दर्जनों नेता मौत के घाट उतार दिए गए।पूर्व मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल कहा करते थे सरकार आने पर 100 दिन के अंदर झीरम घाटी के अपराधी होंगे जेल में,परंतु 5 साल बीत गया श्री भूपेश बघेल की सरकार ने राजनीति को धंधा का स्वरूप दे दिया।कांग्रेस की सरकार ने भ्रष्टाचार का उपयोग करते हुए कांग्रेस शराब दुकान छत्तीसगढ़ खोली।अवैध कोयला दुकान कांग्रेस छत्तीसगढ़ खुल गया।मालामाल होने कांग्रेस के द्वारा अपराधियों के लिए खुले हैं स्वागत कर्ता श्री भूपेश बघेल। वहीं भाजपा ने कांग्रेस केअवैध कार्यों को टक्कर देते हुए अपराधिक गतिविधियों को समाप्त करने के बजाय अपना लिया।आज प्रदेश उनके अपराधिक धंधों को भुगत रहा है। जनता को अपने लड़ाई लड़ने सामने आना पड़ेगा।राज्य आंदोलनकारी झीरम घाटी नरसंहार के गवाह अनिल दुबे ने साबित किया है कि घटना की जानकारी पुलिस प्रशासन को पूर्व से थी जिसे माओवादी जैसा अपराधी मनाना चाहिए।

 

 

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