छत्तीसगढ़ के दो जिलों में फैले डायरिया
कुंजूरात्रेमहासमुन्द रायपुर गर्मी के बढ़ते तेवर के साथ बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। छत्तीसगढ़ के दो जिलों में इन दिनों डायरिया का प्रकोप बढ़ गया है। वहीं कवर्धा में डायरिया की चपेट में आने से एक की मौत हो गई है। जबकि दुर्ग जिले में 40 लोग बीमार हैं। दो जिलों में डायरिया के प्रकोप से स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। खबरों के अनुसार कवर्धा जिले के कोयलारी गांव में डायरिया से एक मरीज की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि दो दिन पहले उल्टी-दस्त की शिकायत के बाद पति-पत्नी को लोहारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया था। बुधवार-गुरुवार की रात 60 वर्षीय कृष्णा साहू की हालत बिगड़ने से मौत हो गई। जानकारी के अनुसार लोहारा ब्लाक के कोयलारी गांव में डायरिया का प्रकोप फैला हुआ है। इधर, दुर्ग जिला मुख्यालय के 14 किमी दूर ग्राम बोड़ेगांव में डायरिया फैल गया है। गांव में उल्टी-दस्त से 40 पीड़ित बताए गए हैं। इनमें से 39 का घर पर उपचार चल रहा है। वहीं एक मरीज को शंकराचार्य मेडिकल कालेज जुनवानी में भर्ती कराया गया है। डायरिया फैलने का कारण दूषित पानी का सेवन बताया जा रहा है। सूचना के बाद मौके पर पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने संक्रमित क्षेत्र का सर्वे कर ग्रामीणों को एहतियात बरतने कहा है। साथ ही लीकेज पाइपलाइन से पानी सप्लाई पर रोक लगा दी गई है। ग्राम बोड़ेगांव के सतनामी पारा वार्ड क्रमांक-11 में उल्टी दस्त के 40 मरीज मिले हैं। गांव में उल्टी दस्त का प्रकोप मंगलवार से फैला हुआ है। खंड चिकित्सा अधिकारी ने इसकी जानकारी जिला स्वास्थ्य विभाग को दी। सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम बुधवार को बोड़ेगांव पहुंची। यहां कैंप लगाकर पीड़ित मरीजों का इलाज किया गया। जिला सर्विलांस अधिकारी डा.सीबीएस बंजारे ने बताया कि 39 मरीजों की स्थिति अब पहले से सामान्य है। एक मरीज को शंकराचार्य मेडिकल कालेज जुनवानी में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। जिला स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अधिकारी डा.एसके मेश्राम, जिला सर्विलांस अधिकारी डा.बंजारे के नेतृत्व में सुपरवाईजर व स्वास्थ्य कार्यकर्ता सहित काम्बेट टीम के अन्य सदस्याें द्वारा संक्रमित क्षेत्र का दौरा किया गया। मितानिनाें एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ता को प्रभावित क्षेत्र में सतत निगरानी किये जाने निर्देशित किया गया है एवं स्वास्थ्य केंद्रों में भी ड्यूटी लगायी गयी है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव में 50 घरों का भ्रमण किया। 50 ओआरएस पैकेट, 700 जिंक, मैट्रोनिडाजोल के 250 और 200 क्लोरिन टेबलेट वितरित किया गया। जिला स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ग्राम बोड़ेगांव से रवेलीडीह पानी सप्लाई होने वाली पाइपलाइन नालियों के बीच से होकर गुजरी हुई है। लोगों ने पाइपलाइन में बीच-बीच से नल कलेक्शन लिया है। इस कारण पाइपलाइन में लीकेज हैं। प्रारंभिक तौर पर उल्टी दस्त फैलने का कारण दूषित पानी के सेवन को माना जा रहा है। अधिकारियों ने पाइपलाइन से पानी सप्लाई तत्काल बंद करवाने कहा है एवं पेयजल की वैकल्पिक व्यवस्था टैंकर,हैंडपंप व अन्य साधन से करने कहा है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने ग्राम बोड़ेगांव और ननकट्ठी के सरपंच को मौके पर बुलाया। दोनों गांव के सरपंचों को गांव में मुनादी करवाकर ग्रामीणों को एहतियात बरतने कहा गया है। उल्टी-दस्त के नए मरीज मिलने पर ननकट्ठी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराने कहा गया है। साथ ही क्षतिग्रस्त हुए पाइपलाइन की भी मरम्मत कराए जाने का निर्देश दिया गया है। एवं ग्राम पंचायत सरपंच की सहायता से गांव में उल्टी दस्त होने पर सूचना देने की मूनादी करायी जा रही है। दुर्ग स्वास्थ्य विभाग जिला सर्विलांस अधिकारी डा.सीबीएस बंजारे ने कहा, बोड़ेगांव में उल्टी-दस्त फैलने की शिकायत पर स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर गई है। गांव में कैंप लगाकर पीड़ित मरीजों का चेकअप किया गया। उल्टी-दस्त फैलने का प्रारंभिक कारण दूषित पानी के सेवन को मानकर चल रहे हैं। क्योंकि पानी सप्लाई वाली लाइन में जगह-जगह लीकेज है और सप्लाई लाइन नालियों के बीच से होकर गुजरी हुई है। गांव में स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है।