एक ऐसा चिकित्सक जिसने त्रिशूल से हिंदू जनमानस के आलस्य का उपचार किया
। कुजूरात्रेमहासमुन्द एक ऐसा चिकित्सक जिसने त्रिशूल से हिंदू जनमानस के आलस्य का उपचार किया, जिसके विरुद्ध देश में सर्वाधिक उत्तेजक भाषण देने के मामले चले ,वर्तमान रामलला के मंदिर की ईंटों में जिसके परिश्रम का रक्त एवं पसीना बहा है, जब सभा के मंच संचालक वरिष्ठ अधिवक्ता ने अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद के संस्थापक राष्ट्रीय अध्यक्ष के बारे में बताते हुए उनके शुभागमन की सूचना दी तो सारा सभाकक्ष हाल “देखो देखो कौन आया शेर आया शेर आया” के गगन भेदी नारों से गूंज उठा15 मार्च शुक्रवार को सर्व हिंदू समाज महासमुंद के तत्वाधान में आयोजित विशाल सभा को अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री प्रवीण भाई तोगड़िया ने अपनी ओजस्वी वाणी से संबोधित किया डॉक्टर तोगड़िया जी ने अपने उद्बोधन में राम जन्मभूमि का लगभग 500 वर्षों के संघर्ष का इतिहास संक्षेप में बताया और उसको बनाने के लिए किए गए संघर्ष एवं कार्य योजना का कदम दर कदम योजना पर प्रकाश डाला ।कार्यक्रम का प्रारंभ प्रवीण भाई द्वारा मां सरस्वती की चित्र के सम्मुख अतिथि गण एवं सर्व हिंदू समाज के वरिष्ठ जनों के साथ दीप प्रज्वलन द्वारा किया गया ।प्रस्तावना का उद्बोधन श्री देवेंद्र दुबे ने अपने सारगर्भित विचारों से किया उन्होंने छत्तीसगढ़ एवं महासमुंद जिला में धर्मांतरण के विषय पर प्रकाश डाला एवं चिंता प्रकट की। कार्यक्रम का संचालन श्री प्रलय थीटे ने बड़े प्रभावशाली ढंग से किया उन्होंने श्री प्रवीण भाई तोगड़िया जी का परिचय बड़े प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया।हिंदू हृदय सम्राट श्री राम जन्मभूमि संघर्ष के महानायक हिंदुत्व के लिए अपनी संपूर्ण जीवन को आहूत करने वाले महान योद्धा डॉक्टर प्रवीण भाई तोगड़िया ने बताया कि दुनिया भर में इसराइल के संघर्ष की 2000 साल के इतिहास को छोड़कर राम जन्मभूमि के 500 साल की रक्त रंजित संघर्ष का इतिहास कहीं नहीं मिलता हिंदू दुर्बल एवं कायर होता है ऐसी दुष्प्रचार हिंदुओं को निर्बल बनाने के लिए आज तक किया गया जबकि हिंदू सर्वाधिक बलशाली होता है। हिंदू आज तक होलिका को नहीं भूले, 17 लाख साल पुरानी मां सीता की अपहरण का अपमान हिंदू नहीं भूला इसलिए प्रतिवर्ष उस अपहरण करता रावण को याद कर उनका पुतला दहन हम करते हैं सन 1558 के बाद बाबर के राज्य में राम मंदिर के विध्वंस को नहीं भूले इसलिए मंदिर बनने तक मंदिर बनाने का संकल्प भी हमने नहीं छोड़ा। इस्लाम के आने से पहले मध्य पूर्व अरब तक हिंदुओं का राज्य था अरब के बाबर और अहमद शाह अब्दाली मेरे ही कुल के वंशज थे लेकिन उनके पूर्वजों ने मेरा धर्म छोड़ इसलिए बाबर और अब्दाली हमारे दुश्मन थे ।बाबर का नामोनिशान मिटाने के लिए मैं निकला ।राम मंदिर आंदोलन की इतिहास का स्मरण करते हुए उन्होंने कहा कि राम मंदिर का निर्माण गर्भ ग्रह में बने एवं बाबर का मस्जिद अयोध्या की सीमा ही नहीं अपितु भारत वर्ष में बाबर के नाम से कोई भी मस्जिद नहीं बनने देंगे इस संकल्पना के साथ 6 दिसंबर 1992 को बाबर की कलंक रूपी ढांचे को मिटाया। ऐसे ही छत्तीसगढ़ के कवर्धा में साद राम यादव -एक हिंदू बेटे का सर तन से जुदा को कभी भी माफ नहीं किया जा सकता।अब तो हिंदू ही आगे, समृद्ध हिंदू, संरक्षित हिंदू, सम्मान युक्त हिंदू ही भविष्य में प्रवीण भाई तोगड़िया जी के जीवन का लक्ष्य रहेगा और इसी मार्ग में वे नित्य अग्रसर रहेंगे ऐसा उन्होंने संकल्प लियाइस विशाल सभा के अंत में सर्व हिंदू समाज के भरत चंद्राकर ने आभार व्यक्त करते हुए इस संगठन की स्थापना का उद्देश्य एवं कार्य प्रणाली पर प्रकाश डालते हुए बताया कि सर्व हिंदू समाज महासमुंद में निवासरत सभी 45 जातियों के समाज प्रमुखों को साथ में लेकर सभी समाजों के मध्य समरसता स्थापित करते हुए धर्म परिवर्तन तथा लव जिहाद का सामना करने एवं घर वापसी हेतु गांव गांव में जाकर लगातार यह संगठन कार्य कर रही है इसके परिणाम में 150 से भी अधिक परिवारों का अब तक घर वापसी कराया गया हैकार्यक्रम में प्रमुख रूप से अभ्युदय संस्थान के संचालक राजन शर्मा जी ,रविदास समाज के गुरु संतोष रात्रे , अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद के प्रांत महामंत्री दीपक दुबे , बेटू चंदेल , राहुल वाडिया , महेंद्र साव, नगर पुरोहित पंकज महाराज जी, सर्व हिंदू समाज के देवेंद्र दुबे, हुकुमचंद शर्मा , आर एस चंद्राकर , बीबी मोहंती , देवनारायण बिसेन, भरत चंद्राकर,आनंद साहू , उत्तम वर्मा , सुमन सेंद्रे, एवन साहू,नरेश नायक संजय यादव , मनीष चंद्राकर , नितेश श्रीवास्तव, कान्हा प्रधान,सुनील, बुद्धेश्वर सोनवानी, प्रमोद चंद्राकर, शिवम ठाकुर, ताराचंद चांडक, उमेश कोचर,, आलोक दुबे, गौकरण साहू, अखिलेश लूनिया, भुनेश्वर साहू, देवेंद्र चंद्राकर, परमेश्वर , कोसरंगी गुरुकुल के आचार्य मुकेश जी एवं उनके ब्रह्मचारी गण,पूर्व सैनिक संगठन के सदस्य गण विभिन्न समाजों के समाज प्रमुख एवं पदाधिकारीकरण, तथा शहर के सभी प्रमुख गणमान्य नगरीकरण उपस्थित थे