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वन मंडलाधिकारी तलाशी के दौरान आरोपियों के निवास से 21 नग सागौन चिरान, दो नग कुल्हाड़ी एवं एक नग हाथ आरा जप्त किया गया।

रिपोर्टर कुंज कुमार रात्रे महासमुन्द कार्यालय वनमण्डलाधिकारी, महासमुंद 06/12/2025//वनमंडलाधिकारी महासमुंद  मयंक पांडेय के निर्देश पर पिथौरा वन परिक्षेत्र के कक्ष क्रमांक 248 (संरक्षित वन) में अवैध कटाई एवं सफाई कर अतिक्रमण के प्रयास पर दिनांक 05/12/2025 को आवश्यक एवं त्वरित कार्यवाही की गई। उक्त प्रकरण में आरोपियों मधुसूदन एवं साधु, पिता समारु साहू, निवासी ग्राम मेमरा, के विरुद्ध वन अपराध क्रमांक 20656/20 दिनांक 05/12/2025 पंजीबद्ध कर प्रकरण को विवेचना में लिया गया।

पूछताछ के दौरान आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्हें लगभग 2-3 वर्ष पूर्व प्रत्येक को 5-5 एकड़ क्षेत्र में वन अधिकार पत्र प्राप्त हुआ था। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि अपने पट्टा क्षेत्र से सटे जंगल को धीरे-धीरे काटकर उसे कृषि भूमि में परिवर्तित कर अपनी भूमि में मिलाने के उद्देश्य से 0.61 हे० क्षेत्र में 149 हरे-भरे खड़े वृक्षों की अवैध कटाई की गई। क्षेत्र में अवैध कटाई एवं सफाई कार्य से वन्यजीवों के घोंसलों, अंडों तथा उनके प्राकृतिक रहवास को भी क्षति पहुँची है। स्थल निरीक्षण के दौरान वन्यजीवों की उपस्थिति एवं रहवास से संबंधित साक्ष्य प्राप्त हुए जिन्हें विधिवत संकलित किया गया।

तलाशी के दौरान आरोपियों के निवास से 21 नग सागौन चिरान, दो नग कुल्हाड़ी एवं एक नग हाथ आरा जप्त किया गया। आरोपियों ने स्वीकार किया कि जप्त कुल्हाड़ी का उपयोग ही वृक्षों की कटाई में किया गया था। कक्ष क्रमांक 248 में हुई लोकसंपत्ति की क्षति एवं पर्यावरणीय हानि को ध्यान में रखते हुए आरोपियों के विरुद्ध-लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम, 1984, भारतीय वन अधिनियम, 1927, वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972, तथा छत्तीसगढ़ काष्ठ चिरान अधिनियम, 1984 की प्रासंगिक धाराओं के तहत वैधानिक कार्यवाही की गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए दोनों आरोपियों को 06/12/2025 को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय बसना में प्रस्तुत किया गया। माननीय न्यायालय द्वारा दोनों आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल दाखिला करने का आदेश जारी किया गया, जिसके अनुपालन में उन्हें जिला जेल महासमुंद भेजा गया। साथ ही पूर्व में प्रदत्त

वन अधिकार मान्यता पत्र निरस्त करने हेतु भी कार्यवाही की जा रही है

उक्त संपूर्ण कार्यवाही वनमंडलाधिकारी महासमुंद  मयंक पांडेय के निर्देशन में संयुक्त वनमंडलाधिकारी पिथौरा सुश्री डिम्पी बैस के मार्गदर्शन तथा वन परिक्षेत्र अधिकारी पिथौरा  सालिकराम डडसेना की उपस्थिति में संपादित की गई। प्रकरण तैयार कर न्यायिक रिमांड हेतु इसे माननीय न्यायालय प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट, बसना  मंजीत जांगड़े के समक्ष प्रस्तुत किया गया। पूरी कार्यवाही में परिक्षेत्र सहायक ललित पटेल, प.स. ननकुसिया साहू, परिसर रक्षी प्रभा ठाकुर, प.र. वीरेंद्र बंजारे, प.र. कोकिलकांत दिनकर, प.र. पुष्पा नेताम तथा प.र. कुलेश्वर डडसेना का विशेष सहयोग रहा।

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