छत्तीसगढ़

सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुसूचित जाति-जनजाति पर दिए गए फैसले के विरोध में भारत बंद

कुंजूरात्रे महासमुंद 21 अगस्त 2024 को भारत बंद का आव्हान राष्ट्रीय स्तर पर किया गया है इसके समर्थन में छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज (रूढ़िजन्य परंपरा पर आधारित) द्वारा वर्चुअल मीटिंग आयोजित कर गंभीर चर्चा दिनांक 14/08/2024 को समाज प्रमुखों एवं जिला अध्यक्षों से किया गया। सभी लोगों ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय के विरुद्ध 21/08/2024 को भारत बंद का समर्थन एवं पूरे प्रदेश बंद करने के लिए सहमति प्रदान किया है। तद्‌अनुसार कमेटी का गठन जिले वार किया जा रहा है। कमेटी अपने जिले के समाज प्रमुखों, कर्मचारी संघ, किसान, मजदूर संघ एवं युवाओं को साथ लेकर प्रदेश बंद को सफल बनाएंगे।

1) गांव में प्रत्येक व्यक्ति एससी, एसटी एवं ओबीसी वर्ग का सहयोग लेना होगा। जिला मुख्यालय में परिवार सहित जो लोग आरक्षण का लाभ ले रहे है वह अनिवार्य रूप से उपस्थित रहे। 2) जिला प्रशासन, महामहिम राष्ट्रपति एवं माननीय राज्यपाल महोदय को संबोधित करते हुए अपने मांगों के समर्थन में ज्ञापन

सौंपना होगा।

3) पूरे गांव एवं शहर के लोग अपने गांव शहर के सड़कों पर आएंगे तो देश एवं समाज के नेताओं पर दबाव होगा और सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने के लिए सरकार को अध्यादेश लाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। तभी एससी, एसटी एवं ओबीसी

समाज का आरक्षण बच पाएगा।

4) हर जिला मुख्यालय पर प्रचार-प्रसार के लिए अधिक से अधिक यूट्यूब एवं इंटरनेट के माध्यम से जानकारी लोगों तक पहुंचाना होगा और फिर सभी लोगों को व्यक्तिसः समझाना होगा। आपके जिला प्रभारी, जिला अध्यक्ष एवं सामाजिक संगठन तथ

कर्मचारी प्रकोष्ठ से संपर्क कर आवश्यक व्यवस्था जुटाना होगा। 5) आपके क्षेत्र के एम.एल.ए., एम.पी., जिला पंचायत अध्यक्ष, जनपद पंचायत अध्यक्ष, सरपंच अगर आपके साथ मिलकर आवाज उठाते हैं तो भविष्य में उनका पुनः निर्वाचित करने के लिए हमें ध्यान रखना होगा।

6) इस फैसले से सामाजिक रूप से अल्प विकसित जातियां हैं उनको लाभ तत्कालिक रूप से नहीं मिल पा रहा है। लेकिन हमारी मांग होगी कि उनके लिए शिक्षा की व्यवस्था हर स्तर पर मजबूती से लागू करना होगा।

7) एसटी, एससी एवं ओबीसी का आरक्षण सामान्य वर्ग को देने के लिए यह एक घोषित षडयंत्र है। जिस प्रकार ओम बिरला क बेटी एवं कुछ कॉरपोरेट जगत के युवराजन को मोदी सरकार ने डायरेक्ट एंट्री देकर आईपीएस, आईएएस की नौकरी दी है यह मी एक मूल निवासियों के साथ धोखा है।

8) नौकरियों में एसटी, एससी के लिए ढाई लाख इनकम की सीमा निर्धारित की गई है और अन्यों के लिए 8 लाख इससे

एससी, एसटी के बच्चों को स्कॉलरशिप नहीं मिलता और शिक्षा के लिए उच्च शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश रुक गया है इसको तत्काल हटाना होगा। 9) सभी लोग 10:00 बजे सुनिश्चित किए गए स्थान पर इकट्ठा होकर विज्ञापन में हस्ताक्षर कर समाज प्रमुखों के संबोधन बाद

रैली के रूप में जाकर जिला कलेक्टर के समक्ष ज्ञापन सौपना होगा।

10) यह भी याद रखें यह मार्च शांतिपूर्ण होगा नारे, जय घोष तो लगाएंगे लेकिन किसी प्रकार की जोर जबरदस्ती अन्य लोगों के साथ नहीं किया जाएगा ताकि शांति का वातावरण बना रहे।

11) इस संबंध में युवाओं की बहुत बड़ी जवाबदारी होगी कि यह संगठित होकर अपने-अपने शहरों में गस्त करें और किसी प्रकार की घटना के ऊपर नजर रखें और लोगों से निवेदन कर समर्थन मांगे।

12) इसके अलावा जिला अध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज एवं समाज प्रमुखों द्वारा हर घंटे में अपनी तैयारी की रिपोर्ट बैठक लेकर प्रदेश कार्यकारिणी को अवगत कराया जायेगा तथा सभी समाज प्रमुखों के साथ रोज एक घंटा फिजिकल एवं ऑनलाइन मीटिंग कर अपनी योजनाओं को मजबूती के लिए कार्य करें।

त्रिभुवन महिलांग, एस चंद्रसेन, एच बघेल, कमलेश ध्रुव, कृपाराम सागर, बसंत सिन्हा, एसपी ध्रुव, एम एल ध्रुव , शंकर नंदेश्वर , अनिल ढींढी, डमरू धर माझी,

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