पंकज राजपूत को छ.ग.वन कर्मचारी संघ का प्रेस विज्ञप्ति जारी।डीएफओ हटाने मांग
संपादक कुंज कुमार रात्रे
महासमुंद वनमंडल के वन कर्मचारीयों ने एक बार फिर महासमुंद डीएफओ पंकज सिंह राजपूत की अपने अधिनस्थ छोटे निम्न श्रेणी के कर्मचारियों के प्रति उनके तानाशाही रवैया से परेशान होकर उन्हे महासमुंद से अन्यत्र हटाने के लिए प्रेस विज्ञप्ति जारी किया गया है जिसमें डीएफओ पंकज सिंह राजपूत के कार्यकाल में लगातार प्रताड़ित होने व उनके मनमर्जी कार्य प्रणाली से पिड़ीत होकर उन्हे हटाने की मांग किया गया है व जिला महासमुंद के मिडिया जगत को प्रेस विज्ञप्ति जारी किया है। जो एक आईएफएस अधिकारी के अपने अधिनस्थ लिपिक एवं छोटे निम्न श्रेणी के कर्मचारीयों की प्रताड़ना से आक्रोशित होकर उन्हे अन्यत्र स्थानांतरण करने की मांग करने का अब-तक बड़ा मामला है जो डीएफओ पंकज सिंह राजपूत के कार्यशैली पर बहुत बड़ा धब्बा है सर्व विदित है कि महासमुंद वनमंडल में डीएफओ पंकज राजपूत की पक्षपात पूर्ण रवैया से जिले के निचले स्तर के वन कर्मियों मे आक्रोश व नाराजगी की खबर सुर्खियों में रही है मुख्य रुप से वनपरिक्षेत्र पिथौरा की जंगलों की विगत वर्षों से अब तक लगातार वनों की अंधाधुंध कटाई को लेकर भी पंकज सिंह राजपूत हमेशा सुर्खियों में हैं हद तो तब हो गई जब गिरना के जंगलों में लगभग 1000 पेड़ों की अवैध कटाई की शिकायत की खबर एक चर्चित समाचार पत्र छत्तीसगढ़ जनादेश एवं “छत्तीसगढ़ सृजन” मासिक पत्रिका ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था जिसमें पूरे मामले में प्रथम दृष्टया जिम्मेदार तत्कालीन फॉरेस्ट गार्ड को बचाने के लिए भ्रष्टाचार मे आकंठ डूबे तत्कालीन रेंजर का एक भृत्य स्तर के छोटे कर्मचारी को प्रभार देकर गिरना के जंगलों के संरक्षण संवर्धन के प्रति वन विभाग के अधिकारियों के उदासीनता और गैर जिम्मेदाराना रवैया को प्रदर्शित करता है।और डीएफओ जैसे बड़े अधिकारी इतनी बड़ी अंधाधुंध जंगल के कटाई होने के बाद भी कार्यवाही न कर पक्षपात पूर्ण रवैया से उत्प्रेरित आचरण से आरोपीत फारेस्ट गार्ड को बचाने के लिए अपनी एड़ी चोटी लगाना किसी भी मायने में एक आईएफएस स्तर के बड़े अधिकरी के दोहरे और दुषित कार्य शैली का घोतक परिणाम कहा जा सकता है
डीएफओ पंकज सिंह राजपूत के कार्यकाल में पिथौरा वन परिक्षेत्र सहित जिले भर में जंगलों की महाविनाश की प्रमाणित साक्ष्य के खबरों का प्रकाशन के अलावा डीएफओ की निम्न श्रेणी के वन कर्मचारीयों के प्रति पक्षपात पूर्ण व दोहरे कार्यशैली को लेकर छत्तीसगढ़ जनादेश, एवं छ.ग.सृजन पत्रिका में लगातार खबर प्रकाशित किया जाता रहा है परंतु कुछ भी कर लो हम तो मनमर्जी,असंवेदनशील,पक्षपाती तानाशाही हठधर्मी,चरित्र के प्रकांड पुजारी हैं की भावना का पोषण करने वाले अफसर पंकज सिंह राजपूत की दोहरे कार्यशैली ने अब महासमुंद जिले के छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ के वन कर्मचारीयों को भी सार्वजनिक विरोध कर प्रतिकार करने को मजबूर कर दिया है। जिसमे छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ जिला महासमुंद के पदाधिकारियों व संघ के सभी सदस्यों ने 25/12/2024 को वन काष्ठागार पिथौरा में छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ जिला महासमुंद के बैनर तले हाल ही में नव नियुक्त प्रदेश अध्यक्ष अजित दुबे के दिशा-निर्देश एवं जिलाध्यक्ष कमल नारायण यादव,व जिला सचिव राकेश कुमार ध्रुव के मार्गदर्शन में जिले के सभी सैकड़ो कर्मचारियों ने वन काष्ठागार परिसर पिथौरा में एक दिवसीय बैठक आयोजित कर डीएफओ पंकज राजपूत के गलत कार्यशैली का विरोध कर उन्हें हटाने एवं अपने हक अधिकारों के विपरीत मनमर्जी कार्यवाही के लिए डीएफओ पंकज सिंह राजपूत को जिम्मेदार बताते हुए जिला महासमुंद के मिडिया जगत से इस मामले पर खबर प्रकाशित कर न्याय दिलाने सहयोग की अपील की है। जिसमे मुख्य रुप से छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष अजीत दूबे, संतोष सामंतराय, मनीष कुशवाहा,मो. रिजवान रिजवी,की मुख्य आतिथ्य के साथ जिले भर से आए वन कर्मचारीयों के बीच में बैठक सम्पन्न हुआ।जिसमे वनमंडलाधिकारी पंकज सिंह राजपूत को महासमुंद जिले से हटाने उपस्थित सभी ने सर्व सम्मति प्रस्ताव पारित किया
