छत्तीसगढ़

पलायन का सिलसिला जारी मजदूर दलाल सक्रिय पंचायत चुनाव सामने, लगातार हो रहा मजदूरों का पलायन 

शासन प्रशासन के अधिकारी पलायन को लेकर गंभीर नहीं

संपादक कुजकुमार रात्रे महासमुन्द -छत्तीसगढ़ मे नगरीय निकाय, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव बहुत जल्द होने वाला है। चुनाव की घोषणा होते ही आदर्श आचार संहिता लागू हो जायेगी। इधर मजदूरों के पलायन सिलसिला जारी है। बागबाहरा , कोमाखान क्षेत्र भारी संख्या में प्रतिदिन रात्रि में बस से मजदूर उत्तर प्रदेश ईंट भट्टा के लिए पलायन कर रहे हैं। मजदूरों को पलायन कराने में मुख्य भूमिका मजदूर दलालों का है। महासमुन्द जिले के अंतर्गत पिरदा ,बसना,सांकरा,पिथौरा, बागबाहरा ,कोमाखान से मजदूरों के पलायन का सिलसिला जारी है।

बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा सभी गरीब परिवार को प्रदेश सरकार के द्वारा मुफ्त मे राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। ताकि छत्तीसगढ़ की गरीब जनता को परेशानी न हो। इधर भट्ठा के दलाल अपने स्वार्थ के लिए मजदूरों के जीवन का खिलवाड़ कर रहे हैं।

छग शासन के अधिकारी कर्मचारी पलायन को लेकर गंभीर नहीं है इसलिये मजदूरों का पलायन खुलेआम बेखौफ़ दलालों के माध्यम से हो रहा है। भट्ठा दलालों के द्वारा मजदूरों को अधिक रूपये का लालच देकर फंसाते हैं और एडवांस के बतौर 25 से 50 हजार रुपये देकर ईंट भट्ठा ले जाते हैं।वहां मजदूर दिन रात काम करते हैं। जो काम नहीं कर पाता उसे प्रताड़ित किया जाता है।शारीरिक और मानसिक यातनायें दी जाती है।छत्तीसगढ़ के भोले भाले मजदूर इस पीड़ा को नहीं चाहते हुए भी झेलते हैं। आखिर इसका जिम्मेदार कौन है शासन प्रशासन या स्वयं मजदूर या भट्ठा दलाल ?

उल्लेखनीय है कि बसना थाना अन्तर्गत के गांव खोकसा की एक हरिजन महिला उत्तरप्रदेश ईटभट्ठा लगभग बारह वर्ष पहले गयी थी जो आज पर्यंत तक वापस नहीं आई । बसना पुलिस ने खोजने का प्रयास किया परंतु सफलता नहीं मिली। इसे पुलिस की लापरवाही कहें या नाकामी—? निश्चित रूप से पलायन को रोका जाना चाहिए।छत्तीसगढ़ सरकार पलायन को लेकर गंभीर है परंतु शासन प्रशासन के अधिकारी पलायन को लेकर गंभीर नहीं हैं। महासमुन्द जिले बसना, सरायपाली ,पिथौरा,बागबाहरा विधानसभा क्षेत्र से प्रतिदिन हजारों की संख्या में मजदूर पलायन कर रहे हैं। भट्ठा दलालों के विरुद्ध अंतर्राज्यीय प्रवासी कर्मकारअधिनियम 1979 की धारा 8 एवं धारा 12 के अंतर्गत अनुज्ञप्ति नहीं लेने व प्राधिकारी को सूचना नहीं दिये जाने के संबंध में कार्रवाई किया जाना चाहिए।

अन्य राज्यों में मजदूरों ले जाने का यह है नियम

उल्लेखनीय है कि पलायन के पूर्व संबंधित ठेकेदारों के द्वारा अधिनियम के अंतर्गत अनुज्ञप्ति प्राप्त किया जाना चाहिए एवं पलायन करने वाले श्रमिक का नाम पलायन पंजी संबंधित ग्राम पंचायत द्वारा दर्ज किया जाना आवश्यक है।उपरोक्त नियमों का पालन नहीं किया जाना अपराध की श्रेणी मे आता है।संबंधित मजदूर दलाल उपरोक्त नियमों का पालन करते हुए श्रम विभाग के अधिनियम अंतर्गत अनुज्ञप्ति प्राप्त कर वैध तरीके से मजदूरों को कार्य कराने के उद्देश्य से अन्य राज्यों में ले जा सकता है। दूसरे राज्यों में काम करने के उद्देश्य से प्रवास करने वाले मजदूरों को छत्तीसगढ़ भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल अथवा असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा मंडल अंतर्गत पंजीयन अवश्य करायें ताकि उन्हें शासन द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का लाभ प्राप्त हो सके।

लोकतंत्र के द्वारा त्रिस्तरीय पंचायत, नगरीय निकाय का गठन होना है। छत्तीसगढ़ की जनता अपने मताधिकार का प्रयोग कर पंचायत की सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका में रहेगी।ऐसी परिस्थिति में मजदूरों का पलायन होना या पलायन कराया जाना कतई उचित नहीं है।

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