छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ राज्य शासन के निर्देशानुसार निर्धारित प्रत्येक शनिवार को स्कूलों में बैगलेस डे के माध्यम से बच्चों में बौद्धिक, नैतिक, शारीरिक, मानसिक


कुंजूरात्रे महासमुंद  छत्तीसगढ़ राज्य शासन के निर्देशानुसार निर्धारित प्रत्येक शनिवार को स्कूलों में बैगलेस डे के माध्यम से बच्चों में बौद्धिक, नैतिक, शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक तनाव रहित दिवस का आयोजन किया जाता है। इसी परिपेक्ष्य में आज बैगलेश डे के द्वितीय दिवस पर शासकीय उच्च प्राथमिक शाला चिंगरौद में “नेशनल डॉक्टर्स डे” पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसके अंतर्गत स्कूली बच्चों को डॉक्टर्स के विभिन्न कार्य-व्यवहार, कर्तव्य तथा उनके द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में किए गए आविष्कारो व विभिन्न इलाजों के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा-परिचर्चा कर उनको जानकारियां प्रदान की गई।

उक्त कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिक्षक योगेश कुमार मधुकर ने कहा कि आज के दौर में हमारे बीमार होने का प्रमुख कारण हमारा खान-पान, आचार विचार व व्यवहार है। जितने भी खाद्य पदार्थ आज बाजारों में उपलब्ध हैं उनमें पेट्रिसाईट रसायनिक तत्वों की बहुलता होना है। आज हमारे देश के डॉक्टरों ने नित-नए बीमारियों के ईलाज का तोड़ ढूंढ लिया है चाहे वह संक्रामक बीमारी के रूप में कोरोना वायरस 2019 ही क्यों न हो? जिस तरह आज के दौर में देश में हर। व्यक्ति, बच्चे, बूढ़े और जवान किसी न किसी बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं ये देश की लिए बहुत गंभीर समस्या है? लेकिन दूसरी ओर हमारा देश चिकित्सा के क्षेत्र में नित-नए आविष्कार व प्रयोगों के द्वारा अन्य देशों से अग्रणी होते जा रहा है साथ ही देश की युवा पीढ़ी भी रोगियों के तमाम रोगों को जड़ से समाप्त करने के लिए बड़ी संख्या में डॉक्टर्स बनकर लोगों के बीच अपनी सेवाएं प्रदानकर अपने आप को लोगों के प्रति समर्पित कर रहे हैं। उनकी इस महानता को मेरा शत-शत नमन है।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से पूर्व सरपंच एवम् वर्तमान शाला विकास समिति के संरक्षक सुखदेव मालेकर ने बच्चों को हमेशा स्वस्थ व सुंदर रहने के लिए अपने शरीर को स्वच्छ व सुंदर रखते हुए नियमित ध्यान-योग करने की सलाह दी।

प्रभारी प्रधानपाठक गणेश राम चंद्राकर ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि आज के युग में डॉक्टर्स ही हमारे लिए भगवान हैं । रोगों से निजात पाने के लिए नियमित पौष्टिक भोजन व व्यायाम करना तथा घर पर ही कुछ आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति से ईलाज कर अपने शरीर को स्वस्थ बनाए रख सकते हैं।

उक्त कार्यक्रम में बच्चों से विभिन्न विषयों पर फीडबैक लिया गया जैसे कि – दूरस्थ क्षेत्रों में डॉक्टरों की नियुक्ति, डॉक्टर हमारे लिए क्या-क्या कर सकते हैं, पौष्टिक भोजन एवम् व्यायाम, आपातकालीन चिकित्सा, घर का वैद्य तथा रसोई घर की दवाईयां।

इसी तारतम्य में कक्षा आठवीं से कुमारी रोशनी मानिकपुरी, कुमारी त्रवीणा साहू, कक्षा सातवी से कुमारी दामिनी निषाद व लकेश्वर ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए।

इस अवसर पर स्कूली बच्चे और अन्य शिक्षकगण उपस्थित थे। उक्त कार्यक्रम का संचालन शिक्षक योगेश कुमार मधुकर ने किया।

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