छत्तीसगढ़

भूगोल विषय में प्रायोगिक कार्य पर मास्टर ट्रेनर्स प्रशिक्षण भोपाल में तुलेन्द्र एवं भावना हुए सम्मिलित

भूगोल प्रायोगिक में नए टेक्नोलॉजी के सहायता से प्रयोगात्मक कार्य को समझने में आसान

संपादक कुंज कुमार रात्रे महासमुन्द: राज्य शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद रायपुर द्वारा भूगोल प्रायोगिक विषय के लिये राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स क्षमता विकास पांच दिवसीय प्रशिक्षण 9 से 13 दिसंबर तक क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान भोपाल में आयोजित किया गया था। एन सी ई आर टी के शाखा भोपाल के अंतर्गत वेस्टर्न रीजन के छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र एवं गोआ 5 राज्यों के 40 व्याख्याता इस प्रशिक्षण में सम्मिलित हुए छत्तीसगढ़ के महासमुन्द जिला से दो व्याख्याता तुलेन्द्र सागर बेमचा स्कूल एवं भावना पांडब बावनकेरा स्कूल से सम्मिलित होकर राज्य का प्रतिनिधित्व किया।इस प्रशिक्षण के प्रभारी डॉ अलका सिंह सहायक प्राध्यापकक्षेत्रीय शिक्षा संस्थान भोपाल के नेतृत्व में उद्घाटन सत्र संस्था के प्राचार्य प्रोफेसर जयदीप मंडल के मार्गदर्शन से प्रारंभ हुआ। सर्वप्रथम डॉ सेबू ने आई सी टी के माध्यम से आई सी टी लैब ऑनलाइन जियो स्पेशल टेक्नोलॉजी का प्रशिक्षण दिया जिसमे क्यू जी आई एस एवं सर्वे ऑफ इंडिया में लॉगिन कर किसी भी स्थान की मैप ऑनलाइन प्राप्त करना। डॉ सतीश सागर विश्वविद्यालय ने डाटा कलेक्ट करना टेबल तैयार करना डायग्रेमेटिक, जियोग्राफिकल व मैप बनाने के लिये विभिन्न प्रकार के स्केल बनाना आदि को मैदान में सजीवता प्रायोगिक तौर पर समझाया। मैदान में ग्रुप वर्क में छत्तीसगढ़ की टीम प्रथम रहा। डॉ हेमंत पाटीदार सागर विश्वविद्यालय ने मैप प्रोजेक्शन के विभिन्न प्रकार को समझाते हुए मानचित्र बनाना। साथ ही संतरे पर अंक्षाश व देशांतर बनाकर उस पर मानचित्र बनाना। डॉ अलका सिंह रिमोट शेशिंग के बारे में बताया बिना किसी भौतिक शरीर को छुए सम्पर्क करना रिमोट शेशिंग है। डॉ दिनेश इटारसी ने डाटा, फील्ड सर्वे एवं डाटा एनालिसिस को विस्तार से बताया।डॉ चन्द्रमौलि अमरकंटक विश्वविद्यालय ने मौसम मानचित्र एवं विभिन्न विभागों मौसमी संकेत को बताया। चन्दकेश मौर्य पी एच डी स्कॉलर ने सर्वे आप इंडिया से मैप आदि डाउनलोड करने के बारे में बताया। साथ ही भारत के मानचित्र पर राज्यों पजल्स बनाकर सजाने में छत्तीसगढ़ टीम प्रथम रहा। डॉ चौहान ने विज्ञान वाटिका में दूरबीन से सौर कलंक को दिखाया गया । साथ ही भौगोलिक प्रायोगिक उपकरण से जैसे वर्षा मापी, हवा की गति व दिशा, तापमान मापनी, पानी की शुद्धता मापन आदि को विस्तार से समझया गया।इस प्रशिक्षण में सभी 5 राज्यों के प्रतिभागियों ने उत्साह पूर्वक प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने अपने राज्यों में जाकर राज्य प्रशिक्षण परिषद के माध्यम से अन्य शिक्षकों को प्रशिक्षण देंगे। अंतिम दिवस सभी प्रशिक्षार्थियों को संस्था के प्राचार्य के करकमलों से प्रमाणपत्र वितरित कर विदा किये। इस प्रशिक्षण में भूगोल विभाग के बर्मा एवं वहाँ अध्ययन रत छात्र- छात्राओं का विशेष सहयोग रहा। छत्तीसगढ़ से प्रतिभागी शिक्षकतुलेन्द्र सागर व भावना पांडब महासमुंडसे, कमलेश्वर सिंह व के के वर्मा खैरागढ़ से विकाश कुमार वर्मा पेंड्रा, रामसिंह पटेल सक्ति, सहदेव बारले राजनांदगांव महावीर चंद्रा कोरबा पुरन्दर पटेल रायपुर से सम्मिलित होकर राज्य का प्रतिनिधित्व किये हैं उक्त प्रशिक्षण में राज्य का प्रतिनिधित्व करने व सफल प्रशिक्षण प्राप्त करने पर एस सी ई आर टी के तरफ से दिव्या लकड़ा, डॉ विद्या डांगे ,श्रीवास्तव मैम, मास्टर ट्रेनर्स मनीष मुखर्जी, राजकुमार जेन्द्रे, अमृत लाल साहू, मितंजली मोहंती, केशव साहू, नरेंद्र पर्वत ने सभी प्रभागियों को बधाई दिए हैं।

 

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