छत्तीसगढ़

बुजुर्गों का सम्मान करना हमारी परंपरा है : किसान नेता अशवंत तुषार साहू

महासमुंद: बुजुर्गों का सम्मान करना हमारी परंपरा है वृद्ध जनों से हमें प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से सदैव मार्गदर्शन मिलता है देश में सर्वाधिक युवा है बुजुर्ग उन्हें मार्गदर्शन देते रहे तो भारत को अग्रिम देश बनाया जा सकता है यह बात किसान नेता अशवत तुषार साहू ने अपने जन्म दिवस पर वृद्ध जनों को सम्मानित करते हुए कहीं समारोह का आयोजन तुषार साहू के द्वारा किया गया था कहां की आमतौर पर वृद्धश्रम में अपने माता-पिता को रखना अच्छा नहीं माना जाता है लेकिन शहरीकरण को विस्तार व आधुनिक जीवन प्राणी में अकेलेपन को दूर करने के लिए यह जरूरी भी हो गया है वृद्धआश्रम को आधुनिक जीवन के अनुरूप व्यवस्थित रूप से निर्माण करने की जरूरत है तभी इसकी प्रासंगिकता रहेगी भारतीय संस्कृति में गृहस्थान के बाद वानप्रस्थ आश्रम को मानते थे वृद्ध आश्रम को भी इस दृष्टि से देखने की जरूरत है उन्होंने कहा कि संयुक्त परिवार में बुजुर्ग का सदा आवश्यकता महसूस की जाती है वरिष्ठ जनों की जिम्मेदारी है कि वह अपने अनुभव का लाभ आने वाली पीढ़ी को आशीर्वाद के तौर पर दे युवाओं की ऊर्जा और वरिष्ठजनों के लिए अपना उत्तरदायित्व पुण कर लिया है तो उसे ही अपने जीवन की संतुष्टि समझे |

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