भाजपा नेताओं के ”श्रेय की राजनीति” बायपास निर्माण में बाधक: नीरज
संपादक कुंज कुमार रात्रे महासमुंद। स्थानीय स्तर से लेकर प्रदेश सरकार के सत्तारूढ़ भाजपा नेताओं के महासमुंद बायपास निर्माण कार्य में श्रेय पाने की राजनीति वर्तमान स्थिति तक बाधक बनी हुई है। उक्त मार्ग के अभाव के चलते क्षेत्र वासी प्रतिदिन अपने जीवन को जोखिम में रखकर आवागमन कर रहे है। उक्त बातें प्रेस विज्ञप्ति में पूर्व सांसद प्रवक्ता नीरज परोहा ने कही। पूर्व प्रवक्ता ने कहा कि दलीय राजनीति से परे हटकर जनहितों को मूल उद्देश्य मानकर वर्तमान पालिकाध्यक्ष श्रीमती राशि त्रिभुवन महिलांग ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितीन गडकरी से पत्राचार कर मुलाकात का समय लिया था l विभागीय मंत्री ने अपने व्यस्तता के बीच पालिकाध्यक्ष श्रीमती महिलांग को मिलने का समय दिया था। श्रीमती महिलांग ने बायपास निर्माण में तत्कालीन क्रियाकलापों की विभागीय जानकारी की छायाप्रति व मार्ग अभाव में हुए तमाम हादसों की समाचार छायाप्रति विभागीय मंत्री को सौप कर उनके संज्ञान में लाया था व बायपास निर्माण की प्रकिया प्रारंभ करने का निवेदन किया था। मार्ग निर्माण की आवश्यकता को देखते हुए अपने विभाग को त्वरित मार्ग निर्माण की विभागीय प्रक्रिया तेज गति से प्रारंभ करने के निर्देश मंत्री श्री गडकरी ने दिए थे। इसी तारतम्य में कुछ महीनों के अंतराल के बाद केंद्रीय सड़क परिवहन विभाग के दिल्ली कार्यालय से संबंधित विभाग के उच्च अधिकारी बाला साहेब ठेग का पत्र पालिकाध्यक्ष को पत्र प्राप्त हुआ जिसमें विभाग के राज्य स्तर के उच्च अधिकारियों का बायपास निर्माण के सबंध में चर्चा व आवश्यक दस्तावेज लेकर उपस्थिति के सबंध में मिलने के निर्देश का उल्लेख था। पूर्व सांसद प्रवक्ता ने आगे कहा कि वर्तमान स्थिति तक उन अधिकारीगण ही लापता हो गए जो केंद्रीय कार्यालय के निर्देश पर बायपास निर्माण की प्रकिया को लेकर चर्चा करने क्षेत्र आने वाले थे। पेंशनबाड़ा रायपुर स्थित राज्य कार्यालय से जनमानस के संपर्क करने पर विभागीय कर्मियों ने सत्तारूढ़ दल के स्थानीय व प्रदेश नेताओ से निर्माण पर सक्रिय पहल व सहयोग से ही बायपास निर्माण होने की बात कही, जो नेताओ के श्रेय लेने की बात की सत्यता को दर्शाता है। पूर्व प्रवक्ता ने पालिकाध्यक्ष श्रीमती महिलांग की बायपास निर्माण के धरातल पर पहल को मीडिया के जरिए तीखे शब्दो में आलोचना के तीर छोड़ने वाले सत्तारूढ़ दल के स्वयंभू विकास पुरुष व ऊर्जावान पार्षदगण आज बायपास निर्माण के मुद्दे पर मौन क्यो है ? डबल इंजन की सरकार के बावजूद आज तक बायपास निर्माण क्यो प्रारंभ नही हो पाया ? राज्य सरकार द्वारा वर्तमान कार्य सूची जो केंद्रीय सड़क परिवहन विभाग को विगत दिनों प्रेषित सूची में महासमुंद बायपास क्यो गायब है?